दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी पर केंद्र सरकार की रोक के बाद दिल्ली कैबिनेट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने तय किया है कि घर-घर राशन पहुंचाने की इस योजना का अब कोई नाम नहीं होगा. केंद्र सरकार के दिए हुए अनाज को दिल्ली सरकार राशन की दुकान की जगह लोगों के घर पहुंचाने का काम करेगी.
पहले इस योजना का नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' था लेकिन केंद्र सरकार ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि केंद्र सरकार की योजना नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आती है जिसमें कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है ना कि राज्य, इसलिए दिल्ली सरकार इस योजना का ना तो नाम बदले और ना ही इसको किसी और के साथ जोड़ें.
इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना का नाम ही खत्म करने का फैसला किया है. यानी अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार आटा, चीनी, चावल को घर-घर पहुंचाएगी. दिल्ली कैबिनेट की तरफ से मंज़ूर हुए इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम श्रेय लेने के लिए यह नहीं कर रहे हैं. हमारा मकसद केवल जनता तक ईमानदारी से साफ-सुथरा राशन पहुंचाना है. अब पात्र गरीब परिवारों को गेहूं की जगह आटा, चीनी और चावल बोरी के पैकेट में पैक कर उनके घर पहुंचाया जाएगा. यह सभी गतिविधियां खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पूरी की जाएंगी.
केंद्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना पर रोक लगाने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें योजना का नाम हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. अब इस योजना का कोई नाम नहीं है, लेकिन केजरीवाल सरकार पात्र परिवारों के घर-घर पैकेट बंद राशन पहुंचाएगी. सरकार का कहना है कि पैकेट बंद राशन घर-घर पहुंचाने से राशन माफियाओं को जड़ से खत्म किया जा सकेगा और वास्तविक लाभार्थियों तक राशन पहुंचा सकेगा.
सीएम अरविंद केरीवाल ने कहा कि अभी तक राशन की दुकनों पर लोगों को राशन लेने में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार लोगों को राशन नहीं मिल पाता है और माफिया राज भी था. इसलिए दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक राशन कार्ड धारक को जितना गेहूं बनता है, उतना ही आटा और चावल को एक बोरी में पैक कर उनके घर-घर पहुंचाया जाएगा, ताकि वास्तविक व्यक्ति तक राशन पहुंच सके. केंद्र सरकार द्वारा योजना पर रोक लगाने से दिल्ली सरकार को धक्का लगा. शायद केंद्र सरकार को ‘मुख्यमंत्री’ शब्द पर आपत्ति थी. इसलिए योजना को बिना नाम के ही शुरू करने का निर्णय लिया गया.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा 20-22 साल पुराना सपना है कि हम वास्तविक लोगों के घर-घर तक राशन पहुंचा सकें. हमारा मकसद केवल जनता तक ईमानदारी से साफ-सुथरा और सस्ता राशन पहुंचाना है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार किसी तरह का श्रेय के लिए काम नहीं कर रही है. काम सारा हमारा, सारी जिम्मेदारी हमारी और सारा श्रेय उनका.