दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच झगड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने को लेकर अनिल बैजल पर बड़े आरोप लगाए हैं. राजधानी में एक कार्यक्रम में उन्होंने सीसीटीवी कैमरों से जुड़ी उपराज्यपाल की रिपोर्ट ही फाड़ डाली. केजरीवाल के आरोपों के बाद एलजी दफ्तर ने बयान जारी किया है.
सीसीटीवी मुद्दे पर एलजी कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि तथ्य यह है कि समन्वय के बिना शहर में दो लाख से अधिक कैमरे पहले ही इंस्टॉल किए जा चुके हैं. उचित ढांचे और सूचना तंत्र की जरूरत पर गौर किया गया है ताकि दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर सभी सीसीटीवी कैमरे बेहतर काम करें. दरअसल केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि एलजी दिल्ली में सीसीटीवी लगाने को लेकर अड़ंगा लगा रहे हैं.
इसके जवाब में एलजी दफ्तर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीसीटीवी के गलत इस्तेमाल की सूचना मिली है. निगरानी कैमरे सिस्टम का इस्तेमाल उन व्यक्तियों की गोपनीयता का उल्लंघन करने के लिए उपकरण बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौलिक अधिकार के लिए आयोजित किया गया है.
दरअसल दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में सीसीटीवी के मुद्दे पर राजधानी के तमाम RWA और मार्केट एसोसिएशन के साथ सीएम ने चर्चा की. इस दौरान दिल्ली सरकार ने महिलाओं, RWA और व्यापारियों से 30 जुलाई तक सीसीटीवी लगाने को लेकर सुझाव मांगे हैं.
'सीसीटीवी से कम होगा दिल्ली में क्राइम'
अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि सीसीटीवी लगने से पूरी दिल्ली में क्राइम 50% तक कम हो जाएगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक इस योजना के तहत लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरा 4 मेगापिक्सल का होगा जिसमें 30 दिन की रिकॉर्डिंग की जा सकेगी.
केजरीवाल अपने भाषण में एलजी, बीजेपी पर जमकर बरसे. उन्होंने स्टेडियम में मौजूद भीड़ से पूछा कि बाज़ार में महिलाओं के साथ छेड़खानी होती है या गाड़ियां चोरी होती हैं. लोग बताएं कि क्या सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए? केजरीवाल में आरोप लगाया कि पिछले 3 साल से सीसीटीवी लगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमें दिल्ली में काम नहीं करने दिया जाता है. बीजेपी वाले अफसरों और एलजी के ज़रिये सीसीटीवी कैमरे नहीं लगने दे रहे हैं.
'एलजी ने लगाया अड़ंगा'
केजरीवाल ने कहा जैसे तैसे धक्का मार मार कर हमने सीसीटीवी फाइल आगे बढ़ाया है. भारत सरकार की एक कंपनी को ठेका मिलने जा रहा था लेकिन फिर एलजी साहब ने अड़ंगा लगा दिया. एलजी ने कमिटी बनाकर सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया रोक दी. अब पुलिस वालों की रिपोर्ट आई है, इस रिपोर्ट के मुताबिक लिखा है कि दिल्ली में कोई भी सीसीटीवी लगाएगा तो पुलिस से लाइसेंस लेना जरूरी होगा.
लाइसेंस की बात पर केजरीवाल ने भड़कते हुए कहा कि हथियारों के लाइसेंस पुलिस दे नहीं पाती वो अब सीसीटीवी के लाइसेंस कैसे देगी. लाइसेंस का मतलब है पैसा चढ़ाओ लाइसेंस ले जाओ. बीजेपी के पास बहुत चंदा आता है क्या अब लाइसेंस से बीजेपी चंदा इकट्ठा करेगी. लेकिन सीसीटीवी के लिए लाइसेंस ज़रूरी है या नहीं यह जनता तय करेगी न कि एलजी या पुलिस. इसके तुरंत बाद केजरीवाल ने सीसीटीवी पर पुलिस की एलजी कमिटी को भेजी रिपोर्ट को फाड़कर फेंक दिया.
केजरीवाल के कहा कि सोमवार को दफ़्तर जाकर फाइल पर लिख दूंगा कि जनता चाहती है कि सीसीटीवी के लिए लाइसेंस न हो. सीसीटीवी कहां लगाये जाएं इसका फैसला महिलाएं करेंगी या पुलिस? पुलिस के लोकल अधिकारी, कंपनी की मौजूदगी में तय होना चाहिए कि सीसीटीवी कहां लगे. सभी लोग आज जाने से पहले रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं, जब आपके इलाके में सीसीटीवी लगेंगे तो आपकी भागीदारी होगी. सीसीटीवी कैमरों से चोरी कम होगी, लड़कियों से छेड़छाड़ करने वाले डरेंगे, पार्क में शाम को शराबी और जुआरी पकड़े जाएंगे, इसलिए एलजी और पुलिस सीसीटीवी का विरोध कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मंत्री और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष भी शामिल हुईं.
किसने क्या कहा
दिल्ली महिला आयोग स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली में दिन 6 बच्चियों का बलात्कार होता है. दिल्ली एक रेप कैपिटल बन रहा है. रोजाना 500 तरह की शिकायतें दिल्ली महिला आयोग को मिलती है. बलात्कारियों को 6 महीने के अंदर जबतक फांसी नहीं होगी अपराध नहीं रुकेगा और अपराधी तभी पकड़े जायेंगे जब दिल्ली के कोने कोने में सीसीटीवी लग जायेंगे.
उन्होंने कहा कि एलजी साहब ने एक कमिटी बना दी है. कमिटी के मुताबिक डीसीपी बताएंगे कि कहां सीसीटीवी लगेंगे, लेकिन क्यों? मेरे मुताबिक महिलाएं बताएंगी की कहां-कहां सीसीटीवी लगना चाहिए. पुलिस को पता है कि क्राइम कहां है, फिर भी उसे ठीक नहीं किया जाता है.
दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने डेढ़ साल पहले 70 विधानसभाओं में डेढ़ लाख सीसीटीवी लगाने का फैसला किया था. जब फाइल आगे बढ़ने लगी तो एलजी साहब ने एक कमिटी बना दी. पुलिस के 50% सीसीटीवी कैमरे ख़राब हैं, यही वजह है कि हम जो कैमरे लगाएंगे उनमें खराबी आने पर एक मैसेज संबंधित एजेंसी और कंपनी को पहुंचेगा.
जैने ने कहा कि कोर्ट के कहने पर भी थाने में अबतक सीसीटीवी नहीं लग पाए. यही वजह है कि पुलिस वाले थाने के आसपास कोई सीसीटीवी नहीं लगने देंगे. एलजी की कमिटी के मुताबिक डीसीपी से लाइसेंस अनुमति लेनी होगी. क्या हम लाइसेंस राज में जा रहे हैं. ऐसा सिस्टम सीसीटीवी लगने नहीं देगा.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अबतक सीसीटीवी खुद चंदा इकट्ठा कर लगाये जाते थे. RWA और महिलाओं को तय करना चाहिए कि सीसीटीवी कहाँ लगे?
( सिसोदिया ने स्टेडियम में आए लोगों से पूछा) क्या डीसीपी लाइसेंस से सीसीटीवी लगना चाहिए? किसी मार्किट में सीसीटीवी कहां लगेगा. ये एसोसिएशन तय करे या डीसीपी? एलजी की प्रस्तावित गाइडलाइन के मुताबिक घर या घर के आसपास सीसीटीवी लगाने के लिए लाइसेंस लेने की ज़रूरत है या नहीं?
मनीष सिसोदिया का कहना है कि सीसीटीवी शौक या दिखावे का नहीं बल्कि सुरक्षा का एक मसला है. आम आदमी पार्टी सरकार RWA, मार्किट एसोसिएशन और महिलाओं के सुझाव पर सीसीटीवी लगाने की नीति बनाएगी.