दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आपराधिक मानहानि के एक और मामले को खत्म करने के लिए फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे मानहानि के केस पर स्टे देने से मना कर दिया है.
मानहानि का ये केस दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव रहे पवन खेड़ा की तरफ से अरविंद केजरीवाल पर किया गया था. हाईकोर्ट ने पवन खेड़ा को नोटिस जारी कर अरविंद केजरीवाल की नई अर्जी पर जवाब मांगा है.
केजरीवाल ने इस मामले पर उनको हुए समन और याचिका को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है. आपराधिक मानहानि मामले को खत्म करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. क्योंकि फिलहाल यह मामला निचली अदालत में विचाराधीन है और इसमें ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है कि निचली अदालत द्वारा इस मामले में उन्हें 31 जनवरी 2013 को जारी किए समन और 2012 को दायर याचिका दोनों को ही खारिज किया जाए. आरोप है कि सीएम ने एक टीवी इंटव्यू में शीला दीक्षित के बारे में अपशब्दों का प्रयोग किया था. इसके बाद पवन खेड़ा ने सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ़ आपराधिक मानहानि की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया था.
अब अगली सुनवाई के बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट में ये तय होगा कि क्या किस मामले में केजरीवाल को राहत मिलेगी या फिर पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा मामला आगे भी अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ चलता रहेगा. मानहानि का ये केस बाकी और केस की तरह खत्म हो पाएगा या नहीं, ये इस मामले मे पवन खेड़ा के कोर्ट मे दिए जाने वाले जवाब से तय होगा.