आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के एक साथ लाभ के पद मामले में अयोग्य करार दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल अदालत में लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उन्होंने पार्टी को जनता की अदालत में जाने के लिए तैयार रहने को कहा है. इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल खुद अब जनता की अदालत में जाकर अपने विधायकों के निलंबन को मुद्दा बनाते हुए प्रचार मोड में दिखाई देने लगे हैं.
नाराज विधायकों को मनाने में जुटी AAP
रविवार को अरविंद केजरीवाल ने नजफगढ़ की एक सभा में उद्घाटन के दौरान अपने विधायकों के निलंबन का जिक्र करते हुए बिना नाम लिए बीजेपी की केंद्र सरकार पर हमला किया तो सोमवार को भी केजरीवाल वजीराबाद की एक सभा में बिल्कुल अपने पुराने प्रचार मोड में दिखाई दिए. केजरीवाल की सभा में उनके साथ मंच पर पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर दिखाई दिए.
अरविंद केजरीवाल के साथ पंकज पुष्कर का मंच साझा करना पार्टी के सूत्रों द्वारा आजतक को दी गई इस खबर पर मुहर लगाता है जिसमें दावा किया गया था कि पार्टी ने किनारे किए गए तमाम विधायकों को फिर से अपने साथ जोड़ लिया है. इसमें तिमारपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर और दक्षिणी दिल्ली से आने वाले कर्नल देवेंद्र सहरावत भी शामिल है. पार्टी ने किनारे चल रहे और नाराज बैठे अपने पुराने विधायकों को मना लिया है.
क्या कहा अरविंद केजरीवाल ने?
तिमारपुर में सरस्वती पूजा के मौके पर आयोजित सभा में पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को गिनवाया. सरकारी स्कूलों की बेहतरी से लेकर पानी की पाइप लाइन बिछाए जाने तक के कामों का जिक्र करने के बाद केजरीवाल ने अपने 20 विधायकों की योग्यता रद्द किए जाने के मसले को जनता के बीच रखा और कहा कि उन्हें व उनकी पार्टी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. केजरीवाल ने कहा कि वह पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनके दफ्तर पर सीबीआई छापा मारा गया लेकिन उस छापे में सीबीआई को मफलर के अलावा कुछ नहीं मिला.
मजेदार बात यह है कि इस सभा में केजरीवाल पहली बार इस साल मफलर लपेटे दिखाई पड़े. मफलर मैन केजरीवाल ने शुंगलू कमेटी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार के 2 साल में लिए गए 400 फैसलों की कॉपी उपराज्यपाल ने मंगवाई लेकिन महीनों लंबी चली जांच-पड़ताल में उन्हें कुछ भी नहीं मिला. केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर बिना नाम लिए आरोप लगाया कि जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो उन्होंने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को निलंबित करवा दिया. केजरीवाल ने इस सभा में भी दावा किया कि संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्त उनके किसी विधायक को सरकार ने गाड़ी बंगला तनख्वाह या कोई सुविधा नहीं दी बल्कि यह सभी विधायक अपना पैसा खर्च करके स्कूल और अस्पतालों का मुआयना कर के खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट देते थे.
जाहिर है दिल्ली में 20 विधानसभा सीटों पर मंडराते उपचुनाव को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस की तैयारियों से सतर्क अरविंद केजरीवाल भी जनता की अदालत में जाने के लिए तैयार हैं और जनता की अदालत में अपील करने के लिए उन्हें इससे मजबूत भूमिका क्या मिल सकती है.