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दिल्ली सरकार के जनता दरबार में बेकाबू हुई भीड़, छत से अरविंद केजरीवाल ने किया अहम ऐलान

दिल्ली की AAP सरकार का पहला 'जनता दरबार' शुक्रवार को बदइंतजामी के चलते फ्लॉप हो गया. दिल्ली सचिवालय के सामने जमा हुई हजारों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए जिसके बाद भारी अफरातफरी मच गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आनन-फानन में वहां से निकलना पड़ा.

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बाद में छत से भीड़ को संबोधित किया केजरीवाल ने
बाद में छत से भीड़ को संबोधित किया केजरीवाल ने

दिल्ली की AAP सरकार का पहला 'जनता दरबार' शुक्रवार को बदइंतजामी के चलते फ्लॉप हो गया. दिल्ली सचिवालय के सामने जमा हुई हजारों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए जिसके बाद भारी अफरातफरी मच गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आनन-फानन में वहां से निकलना पड़ा.

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अरविंद ने माना कि उनके इंतजाम पुख्ता नहीं थे और अगली बार इस गलती को सुधारना होगा. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग उन्हें बधाई देने और हाथ मिलाने के इच्छुक थे. अगर वह तुरंत वहां से नहीं निकलते तो भगदड़ मच सकती थी. उन्होंने कहा, 'लोग बेकाबू हो गए थे. आज तो एकदम से तूफान आ गया. मेरी टेबल पर भी लोग चढ़ गए.'

केजरीवाल ने कहा कि जनता दरबार के इंतजामों पर वह अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करेंगे और जरूरत पड़ी तो जगह भी बदली जाएगी.

लेकिन हालात कुछ ठीक होने के बाद केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ दोबारा लोगों को संबोधित करने पहुंच गए. उन्होंने कहा कि फिलहाल सुरक्षा के इंतजाम ऐसे नहीं हैं कि जनसुनवाई जारी रखी जा सके. अगली बार बेहतर इंतजाम करेंगे. इसलिए अगली जनसुनवाई बुधवार को होगी. केजरीवाल ने कहा कि इस बार उन्होंने जितने लोगों की समस्याएं सुनीं, उनमें ज्यादातर ठेके पर काम कर रहे कर्मचारी थे.

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एक चतुर नेता की तरह केजरीवाल ने लगे हाथ ऐलान किया कि वह सभी विभागों को चिट्ठी लिखकर पूछेंगे कि उनके यहां ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को परमानेंट करने में क्या समस्या है. जवाब के लिए विभागों को एक हफ्ते का समय दिया जाएगा और एक महीने में इस पर ठोस फैसला लिया जाएगा.

अरविंद ने कहा, 'अगली बार जब हम जनसुनवाई करेंगे तो मेरी रिक्वेस्ट है कि ठेका कर्मचारी न आएं. आपसे हमने एक हफ्ते का वक्त लिया है. हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की समस्याएं सुनना चाहते हैं.' इसके बाद 'भारत माता की जय' के नारे के साथ यह जनअदालत खत्म हो गई.

इससे पहले आज सुबह साढ़े 9 बजे शुरू हुए इस जनता दरबार में भारी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे. लोगों सुरक्षा घेरा तोड़ दिया जिसके बाद माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया. किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को सुरक्षा अधिकारी वहां से ले गए, हालांकि उनके मंत्री काफी देर तक वहां डटे रहे.

भीड़ से मची अफरातफरी में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे लोगों के दस्तावेज भी खो गए. जनता दरबार शुरू होने के कुछ देर बाद ही लोगों की चिट्ठियां जमीन पर बिखरी मिलीं. यहां व्यक्तिगत रूप से शिकायतें सुनने का इंतजाम किया गया था. लेकिन दिक्कत तब हो गई जब वहां यूनियन ग्रुप अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचने शुरू हो गए.

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गौरतलब है कि लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए केजरीवाल ने रोज जनता दरबार लगाने का ऐलान किया था. इसके मुताबिक सीएम केजरीवाल सिर्फ शनिवार को इसमें शामिल होंगे और बाकी मंत्री हफ्ते के बाकी दिन लोगों की समस्याएं सुनेंगे.

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