दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत राज्य की कैबिनेट के 4 मंत्री अपनी मांगों को लेकर बीते 16 घंटे से उप राज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि कैबिनेट के मंत्री सत्येंद्र जैन ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है.
बता दें कि केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय भी धरने पर हैं. दरअसल, केजरीवाल सरकार की उप राज्यपाल से मुख्य मांग है कि हड़ताल पर गए आईएएस अधिकारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए.
वहीं उप राज्यपाल ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार ने हड़ताल पर गए अधिकारियों के साथ मतभेदों को हल करने का कोई प्रयास नहीं किया है. उप राज्यपाल के बयान के जवाब में दिल्ली सरकार की ओर से एक और पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में ब्यूरोक्रेसी के साथ मतभेदों को निपटाने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया गया है.
ऐसे शुरू हुआ मामला
- केजरीवाल अपनी तीन मांगें मनवाने के लिए सोमवार को उपराज्यपाल से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे थे. केजरीवाल का कहना है कि उप राज्यपाल ने उनकी तीनों मांगों को ठुकरा दिया.
- वहीं दिल्ली कैबिनेट के धरने के समर्थन में मुख्यमंत्री आवास पर भी पार्टी विधायक और कर्ताकर्ता बैठने की तैयारी में हैं. इसके अलावा आप कार्यकर्ताओं द्वारा सीएम हाउस से एलजी के दफ्तर तक पैदल मार्च भी निकाला जा सकता है.
- इससे पहले आज सुबह दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर टैग करते हुए उपराज्यपाल से समय मांगा. मनीष सिसोदिया ने लिखा, 'गुड मॉर्निंग सर, कल शाम से दिल्ली के मुख्यमंत्री और 3 मंत्री आपके वेटिंग रुम में रुके हुए हैं. हमें उम्मीद है कि आप अपने बिजी शेड्यूल से हमारे लिए कुछ वक्त निकालेंगे और हमारी 3 मांगों को मान लेंगे.'
Good Morning @LtGovDelhi Sir! Delhi CM and 3 ministers are still waiting in your waiting room since yesterday evening.
We hope today you'll get time from your busy schedule to resolve these three issues . Till then we are waiting.... pic.twitter.com/q4SAZOZMvC
— Manish Sisodia (@msisodia) June 12, 2018सोमवार को केजरीवाल ने उप-राज्यपाल से मांग की थी कि दिल्ली में हड़ताल पर गए आईएएस अधिकारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए और चार महीनों से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके अलावा राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की योजना को मंजूरी मिले.
Advertisementकेजरीवाल ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने किसी भी बात को मानने से इंकार कर दिया है. उसके विरोध में उप-राज्यपाल के दफ्तर पर ही केजरीवाल धरने पर बैठ गए. केजरीवाल ने कहा कि जब तक उपराज्यपाल मांगें नहीं मानेंगे, यहां से नहीं जाऊंगा.
इससे पहले सोमवार को दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर बुलाए गए विधानसभा की विशेष सत्र में केजरीवाल ने कहा कि अगर 2019 से पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो वह बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और दिल्ली की जनता से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे.