राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकार और एमसीडी कर्मचारियों के बीच हड़ताल की रस्साकसी शुक्रवार को 10वें दिन भी जारी है. हालांकि निगम अस्पतालों के डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है, वहीं इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर कर्मचारियों को उकसाने और हड़ताल जारी रखने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
बंगलुरु में अपनी खांसी का इलाज करवाने गए केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा है कि एमसीडी यूनियन के नेताओं ने उन्हें इस बाबत गुप्त रूप से जानकारी दी है. मुख्यमंत्री ने लिखा है, 'कुछ एमसीडी यूनियन नेताओं ने गुप्त जानकारी दी है कि बीजेपी उन पर हड़ताल वापस नहीं लेने का दबाव बना रही है. यह शर्मनाक है.'
Some MCD union leaders have confided that they are being pressurised by BJP not to call off strike. This is shameful
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 5, 2016
गौरतलब है कि बकाया वेतन की मांग को लेकर एमसीडी के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इस वजह से राजधानी में साफ-सफाई का काम भी लगभग ठप पड़ा हुआ है. सरकार ने पीडब्लूडी कर्मियों की टीम बनाकर सफाई का काम शुरू तो किया है, लेकिन यह ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रहा. राज्य में आम आदमी आदमी की सरकार है तो एमसीडी में बीजेपी का कब्जा है.
उपराज्यपाल ने मेयरों के साथ की बैठक
दूसरी ओर, इससे पहले शुक्रवार को एमसीडी अस्पतालों के डॉक्टरों ने दिन ढलते-ढलते अपनी हड़ताल खत्म कर दी. इन अस्पतालों के मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल थे. शनिवार को एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग होगी जिसमें आगे की रणनीति पर विचार होगा. इस हड़ताल के बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने तीनों निगमों के मेयर के साथ भी बैठक की. उन्होंने निगम कर्मचारियों को 300 करोड़ रुपये लोन देने का प्रस्ताव रखा है. साथ ही एमसीडी कर्मचारी संगठनों से हड़ताल खत्म करने को भी कहा है.
उपराज्यपाल से बैठक के बाद ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नरों ने कर्मचारियों को नोटिस जारी करके काम पर लौटने के लिए कहा है. नोटिस में कहा गया है कि सभी की रुकी हुई सैलरी जल्द मिल जाएगी. बताया जाता है कि उपराज्यपाल ने तीनों निगमों के मेयर्स से अलग-अलग मुलाकात की. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए डीडीए से 300 करोड़ रुपये लोन लेकर ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी को दिया जाएगा, जिससे उनकी रुकी हुई सैलरी मिल सके.
31 मार्च तक दिया जाएगा बकाया पैसा
जानकारी के मताबिक, निगम कर्मचारियों का लगभग 1000 करोड़ रुपये बकाया है. दिल्ली सरकार निगमों को 693 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुकी है. ऐसे में उपराज्यपाल ने 300 करोड़ का लोन देने की पेशकश की है, ताकि 1000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पूरा किया जा सके. यह पैसा 31 मार्च के पहले कर्मचारियों और अधिकारियों को देने की बात कही गई है.
LG बोले- दिल्ली सरकार से करेंगे बात
उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा, 'हम दिल्ली की जनता के हित में यह फैसला ले रहे हैं. एमसीडी कर्मचारियों से अपील है कि वे हड़ताल खत्म करें और काम पर लौटें, ताकि जनता को हो रहे परेशानियां दूर की जा सकें.' उपराज्यपाल ने उस बात का भी भरोसा दिया है कि वह दिल्ली सरकार से चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू करवाने के लिए बात करेंगे.
हाई कोर्ट ने MCD को लगाई फटकार
इसके पहले शुक्रवार सुबह कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर हाई कोर्ट ने एमसीडी को कड़ी फटकार लगाई है. दोबारा सुनवाई के दौरान तीनों निगमों ने कोर्ट में कहा कि जनवरी तक की सैलेरी वो कर्मचारियों को दे चुके हैं. साथ ही निगमों के वकीलों ने कहा कि हम कर्मचारियों को काम पर वापस आने के लिए नोटिस भी जारी काट चुके हैं. इस मामले में शाम 4 बजे दिल्ली हाई कोर्ट अपना अंतरिम फैसला सुनाएगा.
कोर्ट ने MCD से कहा, 'इस मामले पर आप अब तक क्यों सोते रहे? आपको पता है कि ये कितना गंभीर मामला है. आप इस पर पूरी तरह से सक्रिय क्यों नहीं है? आपने अब तक कर्मचारियों से क्यों नहीं बात कि की जनवरी तक की सैलेरी मिलने के बाद भी वो अब तक क्यों हड़ताल पर हैं? उनकी दिक्कतें क्या हैं. हमे पूरा जवाब चाहिए. आप कर्मचारियों से बात करके आइए कि वो हड़ताल कब खत्म कर रहे हैं.'
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और एमसीडी की लड़ाई के चलते लोग बेहद परेशान हो रहे हैं. ये एमसीडी की जिम्मेदारी है. शहर में ऐसे हालात की इजाजत कोर्ट नहीं दे सकता.
गाजीपुर में किया प्रदर्शन
इधर, एमसीडी कर्मचारियों ने शुक्रवार को दिल्ली के गाजीपुर इलाके में प्रदर्शन किया. एमसीडी के डॉक्टर, इंजीनियर और दूसरे स्टाफ सिविक सेंटर से राजघाट तक विरोध मार्च भी निकाल रहे हैं. इसके अलावा बीते 2 दिन में जमा हुए भीख के पैसों के दो ड्राफ्ट बनाएंगे. एक CM केजरीवाल को देंगे और दूसरा PM नरेंद्र मोदी को.