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शपथ से पहले टीम केजरीवाल का डिनर, सरकार के रोडमैप पर चर्चा

अरविंद केजरीवाल के साथ 6 विधायक मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. ये मंत्री हैं- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम. इन विधायकों के साथ केजरीवाल अगले तीन महीने के लिए सरकार की प्राथमिकताओं, और एजेंडों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के लिए रोडमैप पर भी बात होगी.

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सीएम हाउस पर केजरीवाल कैबिनेट की डिनर चर्चा (फोटो- आजतक)
सीएम हाउस पर केजरीवाल कैबिनेट की डिनर चर्चा (फोटो- आजतक)

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  • केजरीवाल ने सहयोगियों को डिनर पर बुलाया
  • दिल्ली के विकास के एजेंडे पर होगी चर्चा
  • 100 दिनों का काम का बनेगा रोडमैप

तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेने से पहले ही अरविंद केजरीवाल एक्शन में आ गए हैं. आज रात उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सभी 6 साथियों को डिनर पर बुलाया. डिनर की टेबल पर सरकार के 3 महीने के एजेंडे पर बात होगी. दिल्ली सरकार की प्राथमिकताएं तय की जाएंगी. इसके साथ ही दिल्ली को ग्लोबल सिटी बनाने के रोडमैप पर फोकस होगा. डिनर में शामिल होने के लिए सभी नेता मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच चुके हैं.

काम का मोमेंटम बरकरार रखना चाहते हैं केजरीवाल

दिल्ली नतीजों के बाद कहा जा रहा है कि राजधानी ने इस बार अरविंद केजरीवाल के काम पर वोट दिया है. केजरीवाल इस मोमेंटम को बरकरार रखना चाहते हैं. इसलिए वे बिना देरी किए काम पर जुट गए हैं. बता दें कि केजरीवाल ने अपनी तीसरी पारी में भी अपने पुराने जनरल पर ही भरोसा जताया है. यानी कि केजरीवाल अपनी कैबिनेट में इस बार कोई तब्दीली नहीं करने वाले हैं.

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6 मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे अरविंद

16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के साथ 6 विधायक मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. ये मंत्री हैं- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम. इन विधायकों के साथ केजरीवाल अगले तीन महीने के लिए सरकार की प्राथमिकताओं, और एजेंडों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के लिए रोडमैप पर भी बात होगी.

पढ़ें- CAA प्रदर्शन में शामिल हुए इमरान प्रतापगढ़ी को प्रशासन ने भेजा 1 करोड़ का नोटिस

छोटी नहीं है चुनौतियों की लिस्ट

दिल्ली की कायाकल्प करने के लिए अरविंद केजरीवाल के पास चुनौतियों की लिस्ट छोटी नहीं है. केजरीवाल को खजाने का ख्याल रखते हुए मुफ्त वाली सभी योजनाओं को जारी रखना है. दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य पर अभी भी बड़े निवेश की जरूरत है. इसके लिए उन्हें धन की जरूरत होगी. केंद्र से फंड पाने के लिए केजरीवाल के लिए जरूरी है कि वे नरेंद्र मोदी सरकार के साथ समन्वय बनाकर रखें.

पढ़ें- राष्ट्रपति ने केजरीवाल को नियुक्त किया दिल्ली का CM, छह मंत्रियों के साथ लेंगे शपथ

हर साल प्रदूषण से बेहाल होती दिल्ली को साफ हवा देना केजरीवाल सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. इस मोर्चे पर भी केजरीवाल को पैसे की जरूरत होगी. दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना सरकार के लिए मुश्किल काम होगा. चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने यमुना को साफ करने का वादा किया है. केजरीवाल कैबिनेट सहयोगियों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे. नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही अरविंद केजरीवाल भी खुद का दिल्ली मॉडल विकसित करना चाहते हैं.

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