दिल्ली के टीचर्स की विदेश में ट्रेनिंग के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार और एलजी विनय सक्सेना एक बार फिर आमने सामने हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और उप राज्यपाल विनय सक्सेना पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि समय सबसे ज्यादा बलवान होता है. आज केंद्र में बीजेपी की सरकार है, कल बदलेगी. कल भगवान ने चाहा तो केंद्र में हमारी सरकार होगी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि समय बड़ा बलवान होता है. कुछ भी परमानेंट नहीं है. आज मेरी सरकार है, कल नहीं होगी. आज केंद्र में उनकी सरकार है कल बदलेगी. कल भगवान ने चाहा तो केंद्र में हमारी सरकार होगी, दिल्ली में हमारे LG हों और दिल्ली में सरकार BJP या कांग्रेस की हो, लेकिन हमारा एलजी किसी को परेशान नहीं करेगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, दुर्भाग्य है कि BJP के साथी सदन में मौजूद नहीं हैं. ये चर्चा देश और दुनिया में हो रही है कि चुनी हुई सरकार की चलनी चाहिए या किसी एक व्यक्ति विशेष की चलना चाहिए.
LG ने दो बार लौटाई फाइल- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं दिल्ली के बच्चों को अपने बच्चों हर्षिता और पुलकित की तरह समझता हूं. शिक्षा में सबसे बड़ा योगदान टीचर्स और प्रिंसिपल का है, उन्हें मोटीवेट करने के लिए बेस्ट ट्रेनिंग दिलवाई है. अब अब 30 टीचर्स और प्रिंसिपल को फिनलैंड ट्रेनिंग के लिए जाना है और मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री ने कह दिया तो काफी होना चाहिए. लेकिन LG साहब ने फिनलैंड की फाइल पर दो बार आपत्ति लगाकर लौटा दी.
केजरीवाल ने एलजी आवास तक किया था मार्च
इससे पहले सोमवार को पहले तो इस मसले पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ. हंगामा इतना बढ़ गया कि कार्यवाही तक स्थगित करनी पड़ी. 10 मिनट बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई फिर हंगामा शुरू हो गया. इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के आवास तक मार्च करने का ऐलान किया. सीएम अरविंद केजरीवाल अपने विधायकों के साथ LG हाउस पहुंचे. केजरीवाल ने बताया कि LG की तरफ से संदेश आया है कि वो सिर्फ सीएम और डिप्टी सीएम को ही मिलने के लिये बुला रहे हैं. लेकिन केजरीवाल ने बिना विधायकों के मुलाकात करने से इनकार कर दिया.
LG ने क्या कहा?
विधानसभा के अंदर हंगामे को लेकर एलजी हाउस का भी बयान आया है. एलजी आवास की तरफ से कहा गया है कि फिनलैंड में टीचर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है. इस पर दिए जा रहे बयान भ्रामक हैं. सरकार को सलाह दी गई है कि प्रस्ताव का मूल्यांकन करें और छात्रों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव का विश्लेषण रिकॉर्ड करें, ताकि अतीत में शिक्षकों के लिए किए गए विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके. एलजी ने देश के भीतर उत्कृष्ट संस्थानों में समान प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच और पहचान करने की भी सलाह दी है, ताकि संसाधनों का सही उपयोग, वित्तीय विवेक और प्रशासनिक प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके.