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दिल्ली में सोमनाथ ने हजार साल बाद दिए दर्शन, उमड़ा भक्तों का सैलाब

पूरे एक हजार साल बाद सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दिल्ली में दर्शन हुए, जिसे देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. मूल ज्योतिर्लिंग स्वरूप में श्रीश्री रविशंकर के सान्निध्य में दर्शन कर भक्त निहाल हो गए. दर्शन पूजन के बाद ध्यान और कीर्तन भी हुआ.

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एक हजार साल बाद दिल्ली में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग ने दर्शन दिए.
एक हजार साल बाद दिल्ली में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग ने दर्शन दिए.

दिल्ली में रविवार को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन हुए. मूल ज्योतिर्लिंग स्वरूप में श्रीश्री रविशंकर के सान्निध्य में दर्शन कर भक्त निहाल हो गए. दर्शन पूजन के बाद ध्यान और कीर्तन भी हुआ.

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समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उपस्थित रहीं. उन्होंने AAP पर निशाना साधते हुए कहा,'जिन्होंने यमुना के लिए पाप किया जनता ने उनको साफ कर दिया. दिल्ली ने उनकी नीयत पर झाड़ू फेर दी. यमुना सफाई और रिवर फ्रंट बनने के बाद वहां भी बड़ा सत्संग आयोजित होगा. मैं खुद गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर को आमंत्रित करने जाऊंगी.'

'अब डबल इंजन मशीन से होगा काम'

आध्यात्मिक समारोह में श्रीश्री रविशंकर ने राजनीतिक कटाक्ष करते हुए कहा कि झाड़ू से यमुना सफाई नहीं हो पाई. अब डबल इंजन मशीन से ये काम होगा. गंगा-यमुना ज्ञान और भक्ति की प्रतीक हैं. यमुना रास की धारा है. श्रद्धा से ज्ञान और ज्ञान से जीवन सुगम होता है. जीवन आनंदमय होता है.'

श्रीश्री रविशंकर ने आगे कहा,'धर्म की रक्षा करने से धर्म हमारी रक्षा करता है. राज्य को धर्म रक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. गान, ज्ञान और ध्यान समाज के लिए बुनियादी कुंजी है. समारोह को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि महमूद गजनवी ने हजार साल पहले भारत पर 17 बार आक्रमण किए और 18वीं बार सोमनाथ मंदिर को नष्ट कर लूटपाट की.'

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'अग्निहोत्री ब्राह्मणों ने सहेज रखे थे अंश'

श्रीश्री रविशंकर ने कहा,'दक्षिण भारत के अग्निहोत्री ब्राह्मणों ने उस ज्योतिर्लिंग के अंश सहेज कर रखे. उन्होंने उनके शिवलिंग बनाए और हजार साल तक उनकी गोपनीय रूप से पूजा की. कांची शंकराचार्य की प्रेरणा से ये सोमनाथ के मूल अंश लिंग स्वरूप होकर हमारे पास आए. जगद्गुरु शंकराचार्य ने राम शास्त्रीजी और उनके परिजनों से कहा कि अभी 100 साल इनकी गोप्य पूजा करो. अयोध्या में राममंदिर बनने के बाद बेंगलुरु में गुरुदेव को ये सौंप देना.'

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1000 साल बाद मिले हैं रुद्रावशेष

विदेशी लुटेरे आक्रांता महमूद गजनवी के आक्रमण के 1000 साल बाद मिले मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पहली बार दिल्ली में दर्शन कराए गए, जिसके लिए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक हस्ती गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर आए.

तीन दिवसीय यह कार्यक्रम 2 मार्च को पंजाबी बाग के जन्माष्टमी पार्क से शुरू हुआ. अब 4 मार्च तक ज्योतिर्लिंगों के दर्शन लोधी स्टेट स्थित चिन्मय मिशन केंद्र में होंगे. एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, वैश्विक मानवतावादी नेता और आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर ने पहली बार दिल्ली में मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पवित्र अवशेषों को प्रकट किया. ये रुद्रावशेष 1000 साल बाद फिर से मिले हैं.

कांची शंकराचार्य ने दिया था निर्देश

1026 ई. में महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था. उसने तलवार के दम पर मंदिर को तहस नहस किया और वहां गर्भगृह में स्थित रहस्यमय ज्योतिर्लिंग को आघात पहुंचाया. इस विनाश से आहत कुछ अग्निहोत्री ब्राह्मणों ने गुप्त रूप से ज्योतिर्लिंग के अवशेषों को अपने साथ तमिलनाडु ले गए. उन्हें छोटे शिवलिंगों में ढाला और पीढ़ियों तक उनकी सेवा पूजा भोग राग करते रहे.

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ये पवित्र अवशेष अंततः अग्निहोत्री ब्राह्मण पंडित सीताराम शास्त्री के परिवार की देखभाल में आ गए. शास्त्री जी को वर्तमान कांची शंकराचार्य ने निर्देश दिया था कि आपको इन्हें स्वयं बेंगलुरु में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के पास ले जाना चाहिए. वे आपकी सहायता करेंगे. अब, दिल्ली में भक्ति और उत्साह की लहर दौड़ रही है.

मूल ज्योतिर्लिंग की तरह चुंबकीय गुण भी

कार्यक्रम के दौरान सोमनाथ के मूल ज्योतिर्लिंग के चुंबकीय गुणों के बारे में पूछा गया कि क्या इस ज्योतिर्लिंग में भी वह चुंबकीय गुण हैं? इस पर बताया गया कि वैज्ञानिक परीक्षण के माध्यम से इसकी पुष्टि हो गई है कि इस ज्योतिर्लिंग में भी चुंबकीय गुण हैं.

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