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दिल्ली: 5 लाख रुपये के लिए जन्म लेने के 3 दिन बाद ही मां-बाप ने नवजात को बेच दिया

दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली पुलिस ने मिलकर आठ महीने के बच्चे को नई जिंदगी दी है. जब यह नवजात महज तीन दिन का था, उसके माता-पिता ने 5 लाख रुपए में उसे बेच दिया था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जन्म लेने के तीन दिन बाद ही नवजात को बेच दिया
  • माता-पिता को पहले से ही थे चार बच्चे

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर 8 महीने के बच्चे का रेस्क्यू किया है. उसके माता-पिता ने जन्म लेने के तीन दिन बाद ही उस नवजात को बेच दिया था. बच्चे के बदले उसके माता-पिता को 5 लाख रुपये देने की बात हुई थी, जिसमें से 20 हजार रुपये का भुगतान तुरंत कर दिया गया था और बाकी रकम बाद में देने का वादा किया गया. सात महीने गुजर जाने के बावजूद शेष राशि का भुगतान नहीं हुआ, तो मां ने महिला आयोग से संपर्क किया. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.

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आयोग ने मामले को लेकर अपनी टीम भेजी. पूछताछ में पता चला कि बेचे गए बच्चे के माता-पिता को पहले से ही चार बच्चे थे और वह अब संतान नहीं चाहते थे. इस वजह से बच्चे की मां गर्भपात कराना चाहती थी. सोनिया नाम की सहेली ने उसे गर्भपात कराने से रोका और बताया कि अगर वह बच्चे को जन्म देती है, तो उसे बेचकर पैसे मिल सकते हैं. सोनिया ने उनसे नवजात के लिए 5 लाख रुपये देने का वादा किया और बच्चे के माता-पिता इस सौदे को मान गए.

मामले की पूरी जानकारी मिलने के बाद आयोग ने थाना मैदान गढ़ी से संपर्क किया और 11 मई को इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई. महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से भी संपर्क किया. 11 जून को गुरुग्राम के एक गांव से बच्चे को रेस्क्यू कर लिया गया. दिल्ली पुलिस ने नवजात की मां समेत बच्चे की तस्करी और बिक्री में शामिल 8 लोगों को हिरासत में ले लिया. अब पुलिस बच्चे के पिता को भी गिरफ्त लेने में जुटी है. वह अभी फरार है.

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि माता-पिता ने तीन दिन के नवजात को बेच दिया. दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग ने बच्चे को सफलतापूर्वक बचाया है. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और नवजात के पिता को छोड़ बाकी आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया गया है. बाल कल्याण समिति को उस बच्चे का उचित और तत्काल पुनर्वास करना चाहिए. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि तस्करी के मामले हर दिन बढ़ रहे हैं. तत्काल कठोर कार्रवाई से ही इन्हें रोका जा सकता है.

 

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