scorecardresearch
 

JNU छेड़छाड़ मामला: दिल्ली महिला आयोग ने रजिस्ट्रार को जारी किया नोटिस, 5 दिन के भीतर मांगा जवाब

आयोग ने रजिस्ट्रार से कहा की छात्र और शिक्षक मांग कर रहे हैं कि छात्रों के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने के लिए विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने चाहिए. छात्र यौन उत्पीड़न के खिलाफ जेंडर सेंसिटाइजेशन कमेटी को दुबारा स्थापित करने की मांग कर रहे हैं. 

Advertisement
X
JNU sexual assault case
JNU sexual assault case
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली महिला आयोग ने रजिस्ट्रार को थमाया नोटिस
  • 5 दिन के भीतर मांगी विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट

JNU sexual assault case: दिल्ली महिला आयोग ने शनिवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को परिसर के अंदर एक छात्र के यौन उत्पीड़न के संबंध में नोटिस जारी किया है. आयोग ने मामले में मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया और रजिस्ट्रार से मामले में की गई कार्रवाई का विवरण मांगा.  
 
आयोग ने नोटिस के माध्यम से कहा कि छात्रा के साथ हुए अपराध के बाद से ही जेएनयू में घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. आयोग ने रजिस्ट्रार से कहा की छात्र और शिक्षक मांग कर रहे हैं कि छात्रों के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने के लिए विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने चाहिए. छात्र यौन उत्पीड़न के खिलाफ जेंडर सेंसिटाइजेशन कमेटी को दुबारा स्थापित करने की मांग कर रहे हैं. 

Advertisement

आयोग ने नोटिस में कहा, "पता चला है कि इससे पहले विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए GSCASH कमेटी थी. हालांकि, इसे 2017 में भंग कर दिया गया था और GSCASH के स्थान पर एक कानूनी रूप से अनिवार्य आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया था.  ऐसा प्रतीत होता है कि भंग किए गए GSCASH समिति में छात्रों और शिक्षकों का प्रतिनिधित्व था और GSCASH विश्वविद्यालय द्वारा गठित वर्तमान आंतरिक शिकायत समिति की तुलना में यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने में अधिक प्रभावी था."

 
आयोग ने विश्वविद्यालय की वर्तमान आंतरिक शिकायत समिति में छात्र प्रतिनिधित्व की कमी का मुद्दा उठाते हुए अपनी चिंता व्यक्त की और मौजूदा आंतरिक शिकायत समिति के गठन तथा उससे पहले गठित GSCASH के सदस्यों और चुनाव की प्रक्रिया का पूरा विवरण मांगा. 

Advertisement

आयोग ने रजिस्ट्रार से विश्वविद्यालय के परिसर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी प्रकाश डालने को कहा. अंततः आयोग ने जेएनयू रजिस्ट्रार को यौन उत्पीड़न मामले पर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रदान करने के लिए 5 दिन का समय दिया है. 
 
डीसीडब्ल्यू चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने कहा, "यह वास्तव में दुखद है कि ऐसी घटना विश्वविद्यालय परिसर के अंदर हुई. परिसर के अंदर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना विश्वविद्यालय की ज़िम्मेदारी है. मैंने जेएनयू प्रशासन को नोटिस जारी किया है क्योंकि जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारियों की बात सुननी चाहिए और उनकी जायज मांगों को स्वीकार करना चाहिए. कानून एक ICC को स्थापित करने का आदेश देता है लेकिन उसमें छात्र और शिक्षक प्रतिनिधि और पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया क्यों नहीं हो सकती है? आयोग इस मामले में जेएनयू से सक्रिय कार्रवाई की उम्मीद करता है.

ये भी पढ़ें -

Advertisement
Advertisement