जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस, एनसीपी (Nationalist Congress Party) और समाजवादी पार्टी ने जी-20 के बहाने एक बार फिर मोदी सरकार पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है. जहां एक तरफ एनसीपी पूछ रही है कि विदेशियों के लिए सोने-चांदी के बर्तन क्यों?
तो वहीं, कांग्रेस का सवाल है कि दुनिया भर की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा, हेट स्पीच, लिंचिंग जैसे मुद्दों पर कब बोलेंगे? उधर सपा के अखिलेश यादव ने तो जी-20 में जी का मतलब ही घोसी बता डाला.
दरअसल, अखिलेश यादव ने एक ऐसा ट्वीट किया है, जो चर्चा का विषय बन गया. सपा प्रमुख ने जी-20 सम्मेलन को घोसी चुनाव से जोड़ दिया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, ‘कोई पूछ रहा है G20 में G का मतलब Ghosi (घोसी) है क्या.’
कोई पूछ रहा है G20 में G का मतलब Ghosi (घोसी) है क्या?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 9, 2023
बता दें कि G20 शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को घोसी में हुए उपचुनाव का रिजल्ट आया, जिसमें सपा के सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह चौहान को 40 हजार से भी ज्यादा वोटों से हरा दिया. सुधाकर सिंह को कुल 1,24,427 मत मिले, जबकि दारा सिंह चौहान के पक्ष में 81,668 मतदाताओं ने मतदान किया. मतगणना के दौरान कुल 33 दौर की गिनती हुई.
विदेशी मेहमानों को सोने की थाली में छप्पन भोग परोसे… और देश के करोड़ों लोग है बस पाँच किलो अनाज के भरोसे!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 10, 2023
अगला चुनाव इसी भेद को मिटाने के लिए लड़ा जाएगा।
दिखावा भी छलावा होता है या कहिए जुमले का पर्यायवाची.
भाजपा के दिखाए झूठे स्वर्णिम स्वप्न की नींद से जनता जाग गयी है, वैसे…
अखिलेश यादव ने एक और ट्वीट कर लिखा-" विदेशी मेहमानों को सोने की थाली में छप्पन भोग परोसे… और देश के करोड़ों लोग है बस पांच किलो अनाज के भरोसे! अगला चुनाव इसी भेद को मिटाने के लिए लड़ा जाएगा. दिखावा भी छलावा होता है या कहिए जुमले का पर्यायवाची. भाजपा के दिखाए झूठे स्वर्णिम स्वप्न की नींद से जनता जाग गयी है, वैसे भी भूखी आंख को सुनहरे सपने नहीं आ सकते…"
जिस थाली में भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तम्भ ऊकेरी गई है, उसी में दुनियां भर के आये हुए जी-20 के मेहमानों को खाना खिलाया जायेगा, जिसमें वो जूठन छोड़ेंगे। राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तम्भ के साथ ऐसा भद्दा मज़ाक करके मोदी सरकार ने देश की इज्जत और मर्यादा को मिट्टी में मिलाने का… pic.twitter.com/qspCzmYy7z
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) September 8, 2023
'अशोक स्तम्भ वाली थाली में जूठन छोड़ेंगे'
इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा-"जिस थाली में भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तम्भ ऊकेरी गई है, उसी में दुनियां भर के आये हुए जी-20 के मेहमानों को खाना खिलाया जाएगा, जिसमें वो जूठन छोड़ेंगे. राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तम्भ के साथ ऐसा भद्दा मजाक करके मोदी सरकार ने देश की इज्जत और मर्यादा को मिट्टी में मिलाने का घिनौना कृत्य किया है, जिसकी घोर निंदा करता हूं. मोदी सरकार को सार्वजनिक रूप से देश की जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए और अशोक स्तम्भयुक्त थाली में खाना खिलाने के निर्णय से बाज आना चाहिए.
'दिल्ली की असली तस्वीर छुपाने की कोशिश'
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के चलते दिल्ली में एक बार फिर लॉकडाउन की स्थिति बन गई है. राजधानी की वास्तविक स्थिति यानी गरीबी, लोगों की दुर्दशा को छुपाने के लिए झुग्गियों को तिरपाल के पीछे डाल दिया गया है. स्लम एरिया के लोगों, भिखारियों को सड़क पर निकलने की इजाजत नहीं है. इसलिए एक भी भिखारी हमें सड़क पर नहीं दिख सकता. इस मोदी सरकार ने विदेशी प्रतिनिधियों से दिल्ली की असली तस्वीर छुपाने की कोशिश की.
Here’s yet another example of the staggering hypocrisy of the self-styled Vishwaguru.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 10, 2023
At the global level, in the G20 declaration para 78, he commits to respecting religious and cultural diversity and promoting dialogue and tolerance.
At home in India, he refuses to act on… pic.twitter.com/noUHcyjXRU
'मणिपुर का दौरा तक नहीं किया'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र पर निशाना साधने के लिए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जी20 के नयी दिल्ली घोषणापत्र के एक पैराग्राफ का हवाला दिया, जिसमें इसने लोगों, धार्मिक प्रतीकों और धर्म ग्रंथों के खिलाफ धार्मिक आधार पर नफरत के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा की है. रमेश ने कहा,‘‘स्वयंभू विश्वगुरु के चौंका देने वाले पाखंड का एक और उदाहरण देखने को मिला है. वैश्विक स्तर पर, जी-20 घोषणापत्र के पैराग्राफ 78 में वह धार्मिक एवं सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करने, और संवाद व सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जबकि अपने देश भारत में, उन्होंने मणिपुर में जातीय हिंसा पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और राज्य का दौरा तक नहीं किया.’’
'चांदी-सोने वाले बर्तनों के इस्तेमाल के बारे में कभी नहीं सुना'
एनसीपी चीफ शरद पवार भी कहा पीछे रहने वाले थे. उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं को चांदी के विशेष बर्तनों और सोने की परत वाले बर्तनों में भोजन परोसे जाने को लेकर सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘इस तरह के आयोजन भारत में पहले दो बार हुए थे, एक बार जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और वैश्विक नेता भाग लेने भारत आए थे. लेकिन, मैंने (प्रतिनिधियों के लिए) चांदी के बर्तनों और सोने की परत चढ़े बर्तनों के इस्तेमाल के बारे में कभी नहीं सुना.’
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक रविवार को दक्षिण मुंबई में एनसीपी की एक बैठक के बाद पवार ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि भारत आने वाले वैश्विक नेताओं के प्रति सम्मान दिखाया जाना चाहिए क्योंकि यह देश के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन, महत्वपूर्ण मुद्दों को दरकिनार करने और कुछ लोगों का कद बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजनों का दुरुपयोग करना गलत है.’