दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. अनिल चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में उनके पीछे कई पुलिसवाले दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में वो बता रहे हैं कि उन्हें, उनके निवास स्थान पर पुलिस ने डिटेन कर लिया है. पता नहीं क्यों?
एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि मैं लगातार काम करता रहूंगा, भले ही मेरे ऊपर एफआईआर हो. मैं डरने वाला नहीं हूं. कांग्रेस ने सैकड़ों बसें खुद से तैयार की हैं, पर इजाजत नहीं दी जा रही है.
दरअसल अनिल चौधरी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की है. उन पर आरोप है कि उन्होंने लॉकडाउन के नियम के तोड़ा है. पुलिस ने उन्हें सुबह से ही घर में नजरबंद किया है.
ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में वे बोल रहे हैं- नमस्कार मैं चौधरी अनिल कुमार दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष. आज जैसे ही मैं सोकर उठा तो मेरे घर पर हमारे एरिया के एसएचओ पहुंचे. उन्होंने बताया कि मुझे डिटेन किया गया है. मैं घर से बाहर नहीं जा सकता हूं. मुझे नहीं मालूम क्यों? लेकिन अगर मुझे जानकारी देंगे तो फिर आपको भी बताऊंगा क्यों?
उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'मुझे मेरे निवास स्थान पर पुलिस द्वारा डिटेंड किया गया है, पता नहीं क्यूं? जैसे ही पता चलेगा आपको सूचित करूंगा.'
मुझे मेरे निवास स्थान पर पुलिस द्वारा डिटेंड किया गया है, पता नहीं क्यूँ ? जैसे ही पता चलेगा आपको सूचित करूँगा । pic.twitter.com/vtpPsQv26o
— Anil Chaudhary (@Ch_AnilKumarINC) May 17, 2020
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वहीं दिल्ली पुलिस के डीसीपी ईस्ट का कहना है कि अनील चौधरी को घर में ही डिटेन किया गया है, क्योंकि कल भी और आज सुबह भी ऐसा हुआ कि माइग्रेंट लेबर को गाड़ियों में भरकर अनील चौधरी और कांग्रेस के कार्यकर्ता दिल्ली यूपी बॉर्डर ले गए.
आजतक से बात करते हुए डीसीपी (ईस्ट) जसमीत सिंह ने कहा कि कुछ लोग मजदूरों को खाना खिलाने के नाम पर अवैध तरीके से ट्रक और बस में भरकर शनिवार और रविवार को यूपी बॉर्डर पर छोड़कर आए हैं. हमारे पास काफी वीडियो एविडेंस भी हैं. इसी वजह से हमने उनको (अनिल चौधरी) घर पे ही डिटेन करवा दिया है.
डीसीपी ने आगे बताया कि कुछ मजदूरों ने पूछताछ के दौरान इस बात का खुलासा किया कि उन्हें कुछ लोग उकसा रहे थे, साथ ही कई लोगों को बॉर्डर पर भी इकट्ठा किया गया है. ऐसा करने वाले लोग राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता हैं. हमारे पास इसका वीडियो सबूत मौजूद है.
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उन्होंने कहा, ऐसा करने से कानून-व्यवस्था की समस्या हो रही थी. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बुनियादी बातों को भी फॉलो नहीं किया जा रहा था. इससे स्थिति और बिगड़ सकती है. माइग्रेंट लेबर को भेजने की एक प्रक्रिया है, वो फॉलो नहीं हो रहा है. अभी हम ये भी सोच रहे हैं कि इनपर लीगल एक्शन लिया जाए. खाना खिलाने के नाम पर ये लोग मजदूरों को बॉर्डर छोड़ रहे हैं.