अगले साल एमसीडी का चुनाव है तमाम वार्डों की सीमाएं तय करनी है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली चुनाव आयोग ने नगर निगम में चुनाव के लिए निगम वार्ड के परिसीमन यानी डेलिमिटेशन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इस ड्राफ्ट में नए सिरे से निगम वार्डों की सीमाएं तय होती हैं और नेताओं के लिए ये किसी सिरदर्द से कम नहीं. क्योंकि उन्हें ये ध्यान रखना होता है कि कहीं उनके समर्थकों वाली कोई गली किसी दूसरे वार्ड में न खिसक जाए. यही कांग्रेस के विरोध की वजह भी है.
कांग्रेस का आरोप है कि दिल्ली चुनाव आयोग ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है वो नियमों के खिलाफ है. कांग्रेस का कहना है चार वार्डों को मिलाकर एक विधानसभा बनती है. लेकिन एक विधानसभा क्षेत्र को दूसरे विधानसभा के वार्ड में शामिल नहीं किया जा सकता है. साथ ही जनसंख्या को लेकर भी विरोध है. दिल्ली चुनाव आयोग के ड्राफ्ट में कहीं पर जनसंख्या दूसरे वार्ड से 50 प्रतिशत ज्यादा है तो कहीं कम है. जबकि जनसंख्या बराबर होनी चाहिए. क्योंकि ये दिल्ली डीएससी एक्ट के खिलाफ है. कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव आयोग पर केजरीवाल सरकार और बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है.
इसे लेकर कांग्रेस ने कश्मीरी गेट में दिल्ली चुनाव आयोग के ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार और बीजेपी ने ऐसा जानबूझकर करवाया है. क्योंकि आम आदमी पार्टी पंजाब के साथ दिल्ली एमसीडी का चुनाव चाहती है. एमसीडी में काबिज बीजेपी को चुनाव हारने का खतरा है और इसी वजह से बिना नियमों में बदलाव किए ऐसा किया जा रहा है. ड्राफ्ट को लेकर बीजेपी भी सवाल उठा चुकी है.