स्ट्रीट वेंडर एक्ट को दिल्ली में लागू कराने की मांग को लेकर जंतर-मंतर में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन आयोजित हुआ, इस दौरान कांग्रेस को दिल्ली की लगभग सभी मार्केट की स्ट्रीट वेंडर की एसोसिएशन का साथ मिला. मांग उठी कि कांग्रेस सरकार ने केंद्र में रहते हुए यह एक्ट पारित कर दिया था लेकिन दिल्ली सरकार इसे लागू नहीं कर पा रही है. यही वजह है कि दिल्ली कांग्रेस अब अपने पुराने कामों को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोल रही है.
नहीं मानती है पुलिस, एमसीडी की भी है मिली भगत
स्ट्रीट वेंडर्स का कहना है कि पुलिस और एमसीडी इस कानून के आने के बावजूद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही और लोगों को फुटपाथ से उठा दिया जाता है. महिला वेंडर्स का कहना है कि कई बार पुलिस अभद्रता तक में उतर आती है, स्थानीय पुलिसकर्मी सामान उठाकर फेंक देते हैं तो पुरुषों के साथ मारपीट तक भी हो जाती है.
आखिर क्या कहता है यह एक्ट
इस प्रदर्शन में यह याद दिलाया गया है कि एक्ट कहता है कि शहर की आबादी का ढाई प्रतिशत स्ट्रीट वेंडर्स को लाइसेंस दिया जाए साथ ही उनको बैठने की जगह दी जाए ऐसे में दिल्ली की 2 करोड़ आबादी में 5 लाख लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए. हालांकि दिल्ली में अभी इस बारे में कोई भी योजना की शुरुआत नहीं की गई ना ही स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर सर्वे किया गया है और ना ही दिल्ली सरकार की तरफ से कोई योजना इस बारे में बनाई गई है.
कांग्रेस को मिला सभी एसोसिएशन का साथ
इस प्रदर्शन में कांग्रेस को बड़ी संख्या में एसोसिएशन का साथ मिला. जाहिर है कांग्रेस की ये कोशिश है कि उस वक्त केंद्र सरकार द्वारा किए गए काम को लेकर आज दिल्ली में दोबारा जनसमर्थन जुटाया जाए, यही वजह है कि भीड़ देखकर कांग्रेसी नेताओं के चेहरे खिल उठे बड़ी संख्या में आएं रेहड़ी पटरी लगाने वाले लोगों को अपने पक्ष में करना अब कांग्रेस की चुनौती है इस मुद्दे को कांग्रेस सियासी फायदे के तौर पर भी भुनाना चाह रही है.