देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार धीमी हो गई है. इसके साथ ही दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी घटकर 496 हो गई है. दिल्ली में राजस्व विभाग ने पिछले 2 दिनों में जिला अधिकारियों के साथ 715 कंटेनमेंट जोन को दोबारा री-डिजाइन किया है.
जुलाई के अंत तक दिल्ली में 715 कंटेनमेंट जोन थे. 29 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कंटेनमेंट जोन को री-डिजाइन करने को लेकर एक बैठक की थी. इसके बाद राजस्व विभाग ने जिलाधिकारियों के साथ लगातार बैठक की और कंटेनमेंट जोन में जाकर आकलन भी किया.
1 लाख की आबादी पर ही पड़ेगा इसका प्रभाव
दिल्ली में राजस्व विभाग ने पिछले 2 दिनों में जिलाधिकारियों के साथ 715 कंटेनमेंट जोन को दोबारा री-डिजाइन किया. आज 1 अगस्त को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर राजस्व विभाग के मंत्री और जिलाधिकारियों के साथ कंटेनमेंट जोन को लेकर दोबारा समीक्षा बैठक भी हुई.
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में जब 715 कंटेनमेंट जोन बन गए थे तब पूरी दिल्ली में करीब साढ़े 3 लाख आबादी इससे प्रभावित हो रही थी. कंटेनमेंट जोन री-डिजाइन करने के बाद अब सिर्फ दिल्ली की 1 लाख की आबादी पर ही इसका प्रभाव पड़ेगा.
बकरीद: कोरोना काल में बदल गया तरीका, जानें कुर्बानी और ईदगाह पर नमाज की पूरी कहानी
विभाग के मुताबिक, साउथ वेस्ट दिल्ली का राजनगर राजधानी में सबसे बड़ा कंटेनमेंट जोन था. यहां कंटेनमेंट जोन बनने की वजह से 43 हजार की आबादी प्रभावित हो रही थी जबकि कंटेनमेंट जोन को री-डिजाइन करने के बाद 1,600 लोगों की आबादी ही प्रभावित होगी.
वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली का शास्त्री पार्क दिल्ली में दूसरा बड़ा कंटेनमेंट जोन था. शास्त्री पार्क में बड़े दायरे में कंटेनमेंट जोन बनने की वजह से 36 हजार की आबादी प्रभावित हो रही थी जबकि कंटेनमेंट जोन को री-डिजाइन करने के बाद शास्त्री पार्क में 1,200 लोगों की आबादी ही प्रभावित होगी.
लोगों को हो रही थी परेशानी- कैलाश गहलोत
कंटेनमेंट जोन को री-डिजाइन करने का मकसद बताते हुए राजस्व विभाग के मंत्री कैलाश गहलोत ने 'आजतक' से कहा, 'कंटेनमेंट जोन का दायरा बड़ा होने से लोग नौकरी में जाने के साथ-साथ जरूरी काम के लिए भी घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे. कंटेनमेंट जोन का दायरा अधिक होने से दिल्ली की एक बड़ी आबादी प्रभावित हो रही थी. इसलिए कंटेनमेंट जोन को री-डिजाइन किया गया ताकि कम से कम लोग कंटेनमेंट जोन में प्रभावित हों.'
बता दें कि दिल्ली में 20 जून तक कंटेंनमेंट जोन की कुल संख्या 262 थी. इसके बाद 21 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बैठक हुई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की समिति ने सुझाव दिए थे कि दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की रीमैपिंग और रीडिजाइन किया जाए ताकि कोरोना से निपटने के लिए बेहतर मॉनिटरिंग और प्रभावी प्रबंधन हो सके.
रात-दिन, सोते-जागते हर वक्त सरकार गिराने की सोचते हैं अमित शाह: अशोक गहलोत
तब, गृहमंत्रालय के निर्देश के बाद जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली के 11 जिलों के तमाम कंटेंनमेट जोन में रीमैपिंग और री-डिजाइन करने पर 175 नए कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे. गृहमंत्रालय की बैठक के महज एक हफ्ते बाद 27 जून तक दिल्ली में कंटेंटमेट जोन की संख्या बढ़कर 421 हो गई थी.
इसके अलावा हाल ही में कंटेनमेंट जोन की बढ़ती संख्या से चिंतित दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार से कंटेनमेंट जोन की पॉलिसी में बदलाव की मांग करते हुए कहा था कि किसी भी इलाके को अधिकतम 15 दिन के लिए ही कंटेनमेंट जोन बनाया जाना चाहिए.
फिलहाल, केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक, दिल्ली में किसी भी कंटेनमेंट जोन में कोरोना का अंतिम मामला निगेटिव पाए जाने के 28 दिन बाद ही, किसी भी इलाके को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाता है.