दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल(एलजी) नजीब जंग के बीच तल्खी का दौर जारी है. नजीब जंग ने अरविंद केजरीवाल सरकार की आपत्तियों के बावजूद दिल्ली की ऊर्जा सचिव शकुंतला गामलिन को प्रभारी मुख्य सचिव बना दिया है.
केजरीवाल और जंग के बढ़ते विवाद पर गृह
सचिव एल सी गोयल ने कहा कि पूरे मामले में फैसला उपराज्यपाल लेंगे. गोयल ने मामले में केंद्र सरकार के दखल नहीं देने का इशारा
किया. जंग के फैसले पर दिल्ली सरकार ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा, 'कानूनन ऐसा करना एलजी के अधिकार क्षेत्र में
आता ही नहीं है. शकुंतला गामलिन पर प्राइवेट बिजली कंपनियों की लिए लॉबिंग करती रही हैं. और इसलिए उनके नाम पर सरकार को
आपत्ति रही है.
LG deal kar rahe hai issue ko: LC Goyal (Home Secy) on Delhi Chief Secy issue pic.twitter.com/yFHJmcgyNj
— ANI (@ANI_news) May 16, 2015
'
केजरीवाल के सचिव पर धमकाने का आरोप
इन सब के बीच शकुंतला डी गामलिन ने मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल के सचिव राजेंद्र कुमार पर धमकाने का आरोप लगाया है. गामलिन ने जंग को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि
केजरीवाल के सचिव राजेंद्र कुमार ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि वो उपराज्यपाल के प्रस्ताव को खारिज कर दें वरना वो उनके एक
निजी पॉवर कंपनी के साथ पुराने रिश्तों को उजागर कर दिया जाएगा.
ये है पूरा मामला
मामला कार्यकारी मुख्य सचिव की
नियुक्ति को लेकर था. केजरीवाल को एलजी की लिस्ट पर एतराज था और एलजी को केजरीवाल
की पसंद मंजूर नहीं थी. गुरुवार को दिल्ली के मुख्य सचिव के के शर्मा दस दिनों की छुट्टी पर जाने वाले थे.
दिल्ली सरकार के पास चार सबसे सीनियर अफसरों की लिस्ट भेजी गई. इस लिस्ट में शकुंतला गामलिन के अलावा नैनी जयसीलन, एस पी सिंह और अरविंद रे के नाम शामिल थे, लेकिन केजरीवाल सरकार को इनमें से कोई भी अफसर पसंद नहीं था. लिहाजा इन सबसे जूनियर 85 बैच के परिमल राय का नाम केजरीवाल सरकार ने सुझाया, लेकिन एलजी शकुंतला के नाम का आदेश जारी कर दिया.