दिल्ली नगर निगम में आज सभी 250 निर्वाचित पार्षदों की शपथ ले ली. उम्मीद थी कि आज मेयर को चुनाव हो जाएगा लेकिन फिर से चुनाव टल गया. इससे पहले शपथ ग्रहण के दौरान जय श्री राम के नारे गूंजते रहे. इस दौरान आम आदमी पार्टी की मुस्लिम महिला पार्षद ने शपथ लेने के दौरान 'जय श्री राम' के नारे लगाने पर आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि जो लोग "जय श्री राम" के नारे लगा रहे हैं, वे कृपया सीता मैया को न भूलें. मैं यूपी ये हूं, हम राम जी के साथ सीता मां का नाम भी लेते हैं. हालांकि इसके बाद भी बीजेपी पार्षद जय श्री राम के नारे लगाते रहे.
आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए शैली ओबेरॉय को उतारा है. जबकि बीजेपी ने रेखा गुप्ता को. इसके अलावा बीजेपी ने डिप्टी मेयर पद के लिए कमल बागड़ी तो आप ने आले मोहम्मद इकबाल को उम्मीदवार बनाया था. कांग्रेस पहले ही इस चुनाव में वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला कर चुकी है.
चुनाव प्रक्रिया को केंद्र कर रहा हाईजैक
सदन में हंगामे की आशंका को देखते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इस पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने सदन के भीतर पैरा फोर्सेस की तैनाती का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पैरा फोर्सेस को सदन में घुसने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि कैसे हथियारों को सदन के अंदर जाने की अनुमति दी जा सकती है. केंद्र इस प्रक्रिया को हाईजैक करने की कोशिश कर रहा है.
उधर, एमसीडी की ओर से कहा गया है कि पैरा फोर्सेस सदन के भीतर नहीं बल्कि कॉरिडोर में तैनात किए गए हैं. सिविल डिफेंस वालंटियर की तैनाती की गई है. वहीं, सदन के बाहर सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.
सदन में बागेश्वर धाम का जयकारा गूंजा
दिल्ली नगर निगम के सदन में पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बागेश्वर धाम का नारा गूंज उठा. वार्ड नंबर 202 से बीजेपी पार्षद राम किशोर शर्मा ने शपथ के बाद बागेश्वर धाम का जयकारा लगाया.
छह जनवरी को जमकर हुई थी हाथापाई
दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक 6 जनवरी को हुई थी, लेकिन हंगामे के चलते मेयर चुनाव नहीं हो सका था. सदन में मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. आप पार्षदों ने मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने का विरोध किया था. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ था. आप और बीजेपी पार्षदों के बीच हाथापाई और धक्का मुक्की भी हुई थी. यहां तक कि सदन में कुर्सियां भी चली थीं. कुछ पार्षद इस दौरान टेबल पर भी चढ़ गए थे. इसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया था.