कांग्रेस नेता शशि थरूर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ मानहानि मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना कथित रूप से बिच्छू से किए जाने पर उनके खिलाफ बीजेपी नेता राजीब बब्बर ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
इस मामले पर दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट 27 अगस्त को फैसला सुनाएगा. 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' वाले बयान को लेकर शशि थरूर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. इस मामले में कई सुनवाई हो चुकी हैं और सीआरपीसी के सेक्शन 251 के तहत मामला दर्ज कराया गया था.
पिछले साल बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में थरूर ने कहा था कि एक अज्ञात आरएसएस सूत्र ने एक पत्रकार से कहा था. जिसका मैं हवाला देता हूं. जिसमें आरएसएस नेता ने मोदी को कंट्रोल नहीं कर पाने को लेकर निराशा जताई थी. थरूर ने सूत्र के हवाले से कहा, 'मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं, जिसे न तो आप चप्पल मार सकते हैं और न ही हाथ से हटा सकते हैं.'
इसके बाद दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने शशि थरूर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कराया. हालांकि थरूर ने इन आरोपों को बेबुनियाद और भ्रामक बताया और 5 करोड़ मुआवजा मांगा. अपनी शिकायत में राजीव बब्बर ने कहा, 'मैं भगवान शिव का भक्त हूं. आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिवभक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाया.' वहीं थरूर इस मानहानि केस को तुच्छ बताते हुए कहा कि यह उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने की कोशिश है.