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मेट्रीमोनियल साइट के जरिए धोखा देने वाले को सात साल कैद

दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को धोखा देकर दूसरी शादी करने के जुर्म में सात साल की सजा सुनाई है. अदालत ने उसके दूसरे विवाह को अवैध करार देते हुए कहा कि महिला के साथ शारीरिक रिश्ते बनाना रेप के समान है.

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दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को मेट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिए धोखा देकर दूसरी शादी करने के जुर्म में सात साल की सजा सुनाई है. अदालत ने उसके दूसरे विवाह को अवैध करार देते हुए कहा कि महिला के साथ शारीरिक रिश्ते बनाना रेप के समान है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दिल्ली निवासी व्यक्ति को सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी पहले से ही विवाहित था और पहली पत्नी से उसे एक बच्चा भी है, लेकिन फिर भी उसने धोखा देकर लड़की से दूसरा विवाह किया.

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अदालत ने कहा कि पीड़ित महिला ने अभियुक्त को शारीरिक संबंध बनाने के लिए यह सोच कर सहमति दी थी कि वह कानूनी रूप से उसका पति है. दूसरी तरफ संबंध बनाने वाला शख्स जानता था कि वह शादीशुदा है. ऐसे में विवाह वैध नहीं था. इन परिस्थितियों में उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत रेप के जुर्म में दोषी ठहराया जाता है.

क्या है पूरा मामला
अभियोजन के अनुसार महिला के पिता ने मेट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिए रिश्ता ढूंढ़ा था और फरवरी 2009 में बेटी का विवाह धूमधाम से किया था. विवाह के दस दिन बाद आरोपी ने उससे कहा कि उसका तबादला पुणे हो गया है इसलिए उसे तत्काल जाना पड़ेगा. बाद में लड़की ने उसे फोन किया तो उसने जवाब देना बंद कर दिया था. दोषी ने लड़की को धमकी दी थी कि अगर उसे खोजने की कोशिश की गई तो वह लड़की और उसके परिवार की हत्या करवा देगा. लड़की के पिता ने बेटी की शादी में दो लाख रुपये के जेवर और डेढ़ लाख रुपये कैश भी दिए थे.

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