ना अरविंद केजरीवाल के वादे, ना नरेंद्र मोदी के इरादे राजधानी दिल्ली में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगा पाए. 2014 की शुरुआत हुई तो दिल्ली की सत्ता आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के हाथ में थी और फिर मई में नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता संभाली और लगभग पूरे साल दिल्ली में राष्ट्रपति शासन रहा. लेकिन दिल्ली में अपराधों का ग्राफ इतनी तेजी से बढ़ा कि सालभर सेंसेक्स भी इसके सामने पानी भरता नजर आया.
2014 में दिल्ली में 2069 रेप के मामले दर्ज हुए, जबकि 2013 में 1571 रेप के मामले सामने आए थे. पुलिस के अनुसार 2014 की कुल रेप घटनाओं में से 1667 मामलों में कार्रवाई हो चुकी है. इसमें भी चौंकाने वाली बात ये है कि सिर्फ 4 फीसदी मामलों में ही आरोपी अंजान शख्स था. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 96 फीसदी रेप के मामलों में अारोपी जान-पहचान का व्यक्ति ही होता है.
पुलिस के अनुसार 2014 में दर्ज हुए 4179 छेड़छाड़ के मामलों में से 2807 को सुलझा लिया गया है. यही नहीं 2014 में 3887 अपहरण के मामले भी सामने आए. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 2014 में सबसे ज्यादा 500 फीसदी बढ़ोतरी लूटमार, 325 फीसदी बढ़ोतरी घर में चोरी और डकैती के मामलों में 151 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इनके अलावा 110 फीसदी झपटमारी और मर्डर के मामलों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
आलम यह है कि 2014 में कुल दर्ज अपराधों में 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.