दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मानहानि के एक मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें जेल भेजे जाने के फैसले को सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
केजरीवाल के वकीलों ने इस मामले को न्यायमूर्ति बी.डी. अहमद तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ के समक्ष तुरंत सुनवाई के लिए रखा, लेकिन अदालत ने इस मामले को मंगलवार तक के लिए टाल दिया है. अब इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.
केजरीवाल ने तत्काल रिहाई की मांग को लेकर याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें 21 मई और 23 मई को अदालत के आदेश के अनुसार अवैध तरीके से हिरासत में भेजा गया है.
केजरीवाल छह जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता नितिन गडकरी की ओर से दायर मानहानि के एक मामले में निजी मुचलका जमा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद निचली अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया.
वह फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं. केजरीवाल ने 10,000 रुपये का निजी मुचलका भरने से इनकार कर दिया और उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया. याचिका के मुताबिक केजरीवाल को एक निजी शिकायत के आधार पर समन भेजे जाने के मामले में जमानत राशि नहीं जमा करने पर अवैध तरीके से छह जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
यह तब हुआ है जब यह अनिवार्य नहीं है और वह लिखित हलफनामा देने के लिए तैयार थे. याचिका में कहा गया है कि चार अलग-अलग मामलों में इस तरह के लिखित हलफनामे को अदालतों ने स्वीकार कर लिया था.