आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार से दिल्ली नगर निगम को अलग से फंड देने की मांग उठाई है. दरअसल सभी राज्यों की केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ प्री-बजट मीटिंग बुलाई गई है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मीटिंग में दिल्ली को मिलने वाले बजट के अलावा नगर निगम को अलग से ग्रांट देने का मुद्दा उठाया है.
मनीष सिसोदिया ने मीटिंग के बारे में ट्वीट किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ प्री-बजट मीटिंग में दिल्ली के लिए केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के 6000 करोड़ की मांग की है. पिछले 18 साल से दिल्ली को केवल 325 करोड़ मिलते हैं. दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ केंद्रीय टैक्स देते हैं. बाकी राज्यों को केंद्रीय करों से 42 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलती है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने वित्त मंत्री के साथ बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि देश के बाकी नगर निगम की तरह दिल्ली को भी अलग से ग्रांट मिले.
अगले ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने कहा 'इसके साथ ही नगर निगमों के लिए देश के बाकी नगर निगमों की तर्ज पर अलग से फंड की मांग भी की. केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को छोड़कर देश के सारे नगर निगमों को अलग से ग्रांट देती है.'
केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ प्री-बजट मीटिंग में दिल्ली के लिए केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के 6000 करोड़ की माँग की.
पिछले 18 साल से दिल्ली को केवल 325 करोड़ मिलते है
दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ केंद्रीय टैक्स देते हैं. बाक़ी राज्यों को केंद्रीय करों से 42% हिस्सेदारी मिलती है
— Manish Sisodia (@msisodia) June 21, 2019
आपको बता दें कि लंबे समय से दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार केंद्र सरकार से अधिक बजट देने की मांग करती आई है. साथ ही दिल्ली सरकार और दिल्ली की तीनों नगर निगम में फंड को लेकर टकराव बेहद आम बात है.
एमसीडी कमिश्नर ने लगाए थे केजरीवाल पर फंड रोकने के आरोप
नॉर्थ दिल्ली नगर निगम की कमिश्नर वर्षा जोशी ने केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए गए दावों पर सवाल खड़े किए थे. ट्वीट में वर्षा जोशी ने लिखा था- ये अच्छा होता अगर दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नगर निगम का फंड रिलीज कर देती, जिसमें दवाओं की खरीद भी शामिल है. मुझे फंड रिलीज न करने का कारण भी बताया नहीं गया.