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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लॉन्च किया '300m.in' कथा पोर्टल, जानें बच्चों के लिए क्यों है खास!

इस पोर्टल में अलग-अलग तरह की कहानियां होंगी जिनके माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाएगा. ये पोर्टल एक एनजीओ द्वारा शुरू किया गया है जिसके शुभारंभ समारोह में मनीष सिसोदिया शामिल हुए.

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कहानियों के माध्यम से पढ़ने में ये पोर्टल छोटे-छोटे बच्चों की मदद कर सकेगा (फाइल फोटो)
कहानियों के माध्यम से पढ़ने में ये पोर्टल छोटे-छोटे बच्चों की मदद कर सकेगा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कहानियों के माध्यम से बच्चों में समझने की क्षमता बढ़ती है
  • कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन शिक्षा का चलन बढ़ा है
  • कहानी के माध्यम से पढ़ने में मदद करेगा 'कथा पोर्टल'

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को '300m.in' कथा पोर्टल लॉन्च किया है. पोर्टल लॉन्च के दौरान सिसोदिया ने कहा कि देश के तीस करोड़ बच्चों को कहानियों से जोड़ने वाला यह वेब पोर्टल काफी उपयोगी है. इससे बच्चों की पठन-क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी.

सिसोदिया ने कहा कि बचपन में ही बच्चों में कहानी पढ़ने की आदत पैदा करना काफी उपयोगी है. इससे उनकी पठन-क्षमता बढ़ती है. जो बच्चे पढ़ने में अटकते हैं, उनकी क्षमता कहानियों के माध्यम से बढ़ाई जा सकती है. यही कारण है कि हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चुनौती और मिशन बुनियाद के माध्यम से बच्चों में पढ़ने का स्तर सुधारने के लिए कहानियों का उपयोग किया है. इन कोशिशों में ‘कथा‘ संस्थान ने काफी सहयोग किया है.

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अब ऐसी कहानियों को वेब पोर्टल के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है. सिसोदिया ने आगे कहा कि यह कथा पोर्टल एक बड़े सपने को पूरा करेगा. बचपन में पढ़ी और सुनी गई कहानियों से हमारा माइंडसेट बनता है. अगर कंप्यूटर की भाषा में बात करें, तो हमारे माइंडसेट की प्रोग्रामिंग में बचपन में पढ़ी या सुनी कहानियों की बड़ी भूमिका है. उन कहानियों की कुछ पंक्तियों का हमारे मन-मस्तिष्क पर असर हो जाता है. इसलिए कहानियों के माध्यम से बच्चों की क्षमता बढ़ाने की यह काफी महत्वाकांक्षी परियोजना है.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस दौरान बताया कि हैप्पीनेस और एंटरप्रेन्योरशिप कुरिकुलम में भी हमने कहानियों का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि इसके कारण हमें बच्चों तक सकारात्मक संदेश पहुंचाने और उन्हें देश-दुनिया की चुनौतियां समझने योग्य बनाने में मदद मिलती है.

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सिसोदिया ने कहा कि कोरोना और लाॅकडाउन के कारण घरों में रहने के दौरान बच्चों को कहानियों के जरिए बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला. मैं ऐसे काफी बच्चों को जानता हूं जिन्होंने अपने पेरेंट्स से ऐसी कहानियां सुनीं, जो उन्होंने अपने पेरेंट्स से सुनी थीं. ऐसी कहानियों और स्मृतियों से बच्चों की सीखने समझने की क्षमता काफी बढ़ती है.

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