देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. सर्दी की शुरुआत में दिल्ली का प्रदूषण ज़ोर पकड़ लेता है. विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगाते हैं तो वहीं दिल्ली सरकार के निशाने पर केंद्र सरकार के साथ साथ पड़ोसी राज्य भी रहते हैं. इस बीच, दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को दूर करने और उससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए 6 अहम कदमों का जिक्र किया है. इसके साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि पिछले पांच सालों में केजरीवाल सरकार ने 1.31 करोड़ पौधे लगाए हैं.
1. प्रदूषण पर लगाम कस रहा ग्रीन वॉर-रूम
उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदूषण का निपटारा करने के लिए दिल्ली सरकार ने 20 हज़ार वर्ग मीटर से अधिक के बिल्टअप क्षेत्र के 56 निर्माणधीन स्थलों पर एन्टी स्मोग गन लगाई है. इसके साथ ही आनंद विहार और कनॉट प्लेस में स्मोग टावर लगाने की प्रक्रिया चल रही है. दिल्ली सरकार ने हरित दिल्ली ऐप और ग्रीन वॉर रूम की शुरुआत की है. ग्रीन वॉर रूम में 24×7, 70 ग्रीन मार्शल प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को निपटाने के काम करते है.
2. स्विच दिल्ली से स्मार्ट बनेगी दिल्ली, सड़को पर बोझ कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन पर जोर
दिल्ली सरकार ने स्विच दिल्ली अभियान की शुरुआत भी की है जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर सरकार सब्सिडी देती है साथ ही दिल्ली सरकार व दिल्ली सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त सभी संस्थाओं में इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाया जाना अनिवार्य बनाया है. साथ ही 31 अप्रैल 2021 तक दिल्ली में 85 इलेक्ट्रिक व्हीकल सेंटर स्थापित किए गए है. परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जल्द ही 1300 नए बसों को डीटीसी में शामिल किया जाएगा. फिलहाल डीटीसी के बेड़े में अभी 6750 बसें शामिल हैं.
3. धूल की समस्या से निपटने के लिए मैकेनिकल स्वीपर
धूल की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में रोड की सफाई के लिए 60 मेकैनिकल रोड स्वीपर का इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही प्रतिदिन 1612 किलोमीटर सड़को की सफाई और 1302 किलोमीटर सड़कों पर पानी छिड़काव का काम किया जाता है.
4. पिछले 6 सालों में बढ़ा दिल्ली का हरित क्षेत्र
दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने अपने 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत 2020-21 में 27 लाख पौधे लगाएं है. पिछले 5 सालों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली में 1.31 करोड़ पौधे लगाए है जिससे दिल्ली का हरित क्षेत्र 2001 में 10.18% की तुलना में वर्ष 2019 के भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार 21.88% हो चुका है.
5. पीएनजी चलित औद्योगिक इकाइयां
दिल्ली सरकार द्वारा 2018 में हरित बजट पारित किया गया जिसका तहत उद्योगों को पीएनजी चलित उद्योगों में बदलने का निर्णय लिया गया इसके तहत अबतक 1636 में से 1635 औद्योगिक इकाइयां पीएनजी इकाइयों में बदल चुकी है.
6. पराली से निपटने के लिए बायो-डीकंपोजर
पराली की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली की कृषि भूमि पर बायो-डीकंपोजर का निशुल्क छिड़काव किया गया. इस तकनीक से पराली को खाद में तब्दील किया जाता है. साथ ही, प्रदूषण रोकथाम के लिए 169 टीमें भी तैनात की गई है.
इसके अलावा दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों खुले स्थानों से मलबा हटाना, सड़कों खुले स्थलों से कूड़ा करकट हटाना, सड़कों की मरम्मत, यातायात जाम वाले स्थलों की पहचान और वहां से भीड़भाड़ कम करना, यंत्रों की मदद से सड़कों की सफाई, जैव कचरा जलाने की रोकथाम के लिए रात्रि कालीन गश्ती दल की तैनाती भी की गयी है.