तीन दिनों से धरने पर बैठे डीटीसी के अस्थायी कर्मचारियों से मंगलवार शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अचानक मिलने पहुंचे. केजरीवाल ने उन्हें मनाने की कोशिश की, वादा किया, लिखित आश्वासन भी दिया. वादों और आश्वासनों से आजिज आ चुके डीटीसी के अस्थायी कर्मचारियों ने अपना आंदोलन वापस लेने से इनकार कर दिया. लिहाजा उनका धरना जारी रहेगा.
डीटीसी के ये कर्मचारी पिछले तीन दिनों से मिलेनियम डिपो में धरने पर बैठे हैं, केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ये कर्मचारी तीन बार उनसे मिलकर अपनी बात रख चुके हैं, पर अब तक आश्वासनों के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला. लिहाजा मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय से सीधे वहां पहुंचे, लेकिन डीटीसी कर्मियों ने उनकी एक न सुनीं.
केजरीवाल ने वायदों का हवाला दिया, कर्मचारियों ने दबाव बनाया तो मुख्यमंत्री ने लिखित में आश्वासन तक दे दिया, लेकिन ये सब भी काम नहीं आया. केजरीवाल ने कहा कि जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती, कोई भी ठेकेदार किसी को नौकरी से नहीं निकाल पाएगा. तमाम मान-मनौव्वल का कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हुआ. कर्मचारियों का आरोप था कि मुख्यमंत्री का रवैया सिर्फ टालने वाला है.
लगता है कि केजरीवाल खुद अपने वायदों के चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हैं. अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर जिस तरह केजरीवाल ने चुनावों के दौरान और बाद में आश्वासनों की झड़ी लगाई, वह कहीं न कहीं सरकार के गले की हड्डी बनती जा रही है. लोग कमेटियों के खेल में उलझने को तैयार नहीं दिखते.