दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव प्रबंधन के लिए केजरीवाल सरकार ने नए निर्देश जारी किए हैं. ताजा आदेश के मुताबिक, शव प्रबंधन के लिए दिए गए प्रोटोकॉल का पालन न करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव/ संदिग्ध व्यक्ति की मृत्यु अगर अस्पताल में होती है या उसको मृत लाया जाता है तो अस्पताल 2 घंटे के भीतर शव को मुर्दाघर में भेजेगा.
आदेश में कहा गया है कि अगर मृत व्यक्ति का परिवार मुर्दाघर से स्वयं 12 घंटे में संपर्क करता है तो अस्पताल परिवार वालों और नगर निगम से बात करके अगले 24 घंटे में दाह संस्कार/दफन करवाये. अगर व्यक्ति की मौत के 12 घंटे के भीतर उसके परिवार वाले मुर्दाघर से संपर्क नहीं करते तो उसके परिवार वालों को इलाके के SHO के जरिए सूचना भेजी जाए और नगर निगम से बात कर परिवार को सूचित किया जाए कि दाह संस्कार/दफनाने की प्रक्रिया कब और कहां हो रही है. जिससे उसके परिवार वाले खुद वहां मौजूद रह सकें. इलाके के थाने के SHO ये सुनिश्चित करेंगे कि अस्पताल से जैसे ही उनको संदेश मिले उसके 12 घंटे के भीतर वह परिवार को सूचित कर दें.
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लावारिस शव का अंतिम संस्कार
अस्पताल दाह संस्कार का दिन समय और जगह इस तरह से तय करें कि परिवार वालों को कम से कम 24 घंटे मिल जाएं. अगर कोरोना पॉजिटिव/ संदिग्ध का अज्ञात या लावारिस शव मिलता है तो दिल्ली पुलिस 72 घंटे के भीतर सभी कानूनी कार्रवाई पूरी करे और फिर अगले 24 घंटे के अंदर प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दे.
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अगर कोरोना पॉजिटिव/ संदिग्ध का पता दिल्ली से बाहर का है तो मेडिकल डायरेक्टर उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के रेजिडेंट कमिश्नर को सूचित करें और 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहें. अगर कोई जवाब नहीं आता तो अस्पताल अगले 24 घंटे के भीतर शव का दाह संस्कार कर दे. अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव/ संदिग्ध व्यक्ति की मौत के बाद या अस्पताल में मृत लाए जाने के बाद उसके शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर/ डायरेक्टर की होगी. नगर निगम अंतिम संस्कार के इंतजाम करेगा. मुर्दाघर के इंचार्ज संबंधित अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर को कोरोना पॉजिटिव/ संदिग्ध के शवों दाह संस्कार/निस्तारण की रिपोर्ट देंगे.
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सभी DM और जिले के DCP जिनके कार्यक्षेत्र में संबंधित हॉस्पिटल/ शवगृह आते हैं, ये सुनिश्चित करेंगे कि इन तमाम निर्देशों/ प्रोटोकॉल का पालन संबंधित लोगों द्वारा किया जाए. किसी भी अधिकारी की गलती पाए जाने पर उस इलाके के DM संबंधित व्यक्ति के खिलाफ डिसास्टर मैनेजमेंट एक्ट और अन्य संबंधित कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई करेंगे.