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एम्स समेत दिल्ली के 18 अस्पतालों में आज भी हड़ताल, 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर होंगे शामिल

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद से अस्पतालों में हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. दिल्ली के 14 बड़े हॉस्पिटल समेत 18 अस्पतालों के डॉक्टरों ने शनिवार को हड़ताल में जाने का ऐलान किया है. इसके चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित होगी.

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हड़ताल करते डॉक्टर
हड़ताल करते डॉक्टर

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पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थिति नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक के डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 14 बड़े अस्पतालों समेत 18 अस्पतालों ने शनिवार को हड़ताल पर रहने का ऐलान किया है.

इस हड़ताल में 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर शामिल हो रहे हैं. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल की पूर्व लिखित सूचना अपने मेडिकल सुपरिटेंडेंट को दे दी है. इन डॉक्टरों के हड़ताल में जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से हिंदुस्तान के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है.

दिल्ली के इन अस्पतालों में हड़ताल

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शनिवार को दिल्ली के जिन अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर शामिल रहेंगे, उनमें एम्स, सफदरजंग हॉस्पिटल, बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हिंदूराव हॉस्पिटल, बीएमएच दिल्ली, दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (इहबास), श्री दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, नॉर्दन रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल, ईएसआईसी हॉस्पिटल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल और गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल समेत अन्य हॉस्पिटल शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर में डॉक्टर करेंगे 2 घंटे की हड़ताल

इसके अलावा जम्मू एंड कश्मीर डॉक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी ने भी हड़ताल करने का ऐलान किया है. जम्मू एंड कश्मीर डॉक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लेह रीजन के सभी अस्पतालों में 15 जून को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल रहेगी.

डॉक्टरों ने ममता के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराया

वहीं, डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बातचीत करने के आमंत्रण को ठुकरा दिया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 100 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा भी दे चुके हैं. फिलहाल डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होती नहीं दिख रही है.

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि 10 जून को नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय मरीज की मौत हो गई थी. इससे गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल में पहुंचकर डॉक्टरों को गालियां दी थी. इसके बाद डॉक्टरों ने माफी मांगने को कहा. उन्होंन कहा कि जब तक मृतक के परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हैं, तब तक हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे.

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इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और हिंसक रूप ले लिया. डॉक्टरों द्वारा प्रमाण पत्र नहीं देने और माफी की मांग पर अड़ने के कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्पिटल में हमला कर दिया, जिसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके अलावा कई और डॉक्टरों को चोटें आईं.

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इसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, जिसकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी निंदा की. ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को हड़ताल खत्म करने की चेतावनी भी दी, लेकिन डॉक्टर नहीं माने और हड़ताल जारी रखी. इसके चलते NRS कॉलेज के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा तक देना पड़ा. हालांकि मामला अभी तक शांत नहीं हुआ.

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इस मामले में सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी साफ कह दिया कि ममता बनर्जी सरकार डॉक्टरों से बातचीत करके विवाद को सुलझाए. साथ ही सवाल दागा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर कहा कि वो डॉक्टरों की हड़ताल के मौजूदा गतिरोध को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर सुलझाएं.

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