बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. पक्ष और विपक्ष इसे लेकर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. एमसीडी के बाद, दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने दिल्ली में सरकारी और निजी स्कूलों के लिए 'बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों' को लेकर आदेश जारी कर दिया है.
विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के एडमिशन को रोकने के लिए डॉक्यूमेंट्स का कड़ाई से वेरिफिकेशन सुनिश्चित करें. बांग्लादेशी घुसपैठियों के अनधिकृत एडमिशन का पता लगाने और उसे रोकने के लिए कड़ी जांच लागू करें.
शक की स्थिति में पुलिस को सूचित करें
विभाग ने कहा है कि प्रवासी छात्रों को एडमिशन देते समय डॉक्यूमेंटेशन का पूरी तरह पालन किया जाए. शक की स्थिति में, ऐसे मामलों को स्थानीय पुलिस स्टेशनों को रेफर करें. शिक्षा विभाग ने दिल्ली के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए यह आदेश जारी किया है.
एमसीडी ने भी जारी किया आदेश
इससे पहले एमसीडी ने भी अवैध प्रवासियों को लेकर आदेश जारी किया था. एमसीडी ने जन स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उन नवजात बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं होने चाहिए जिनके माता पिता अवैध बांग्लादेशी हैं. इस बारे में 31 दिसंबर 2024 तक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.
संजय सिंह ने साधा निशाना
एमसीडी के आदेश पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने संसद में कहा था कि पूर्वांचली रोहिंग्या हैं, घुसपैठिए हैं. अब एमसीडी ने एमसीडी स्कूलों में सत्यापन प्रक्रिया करने, अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने, जन्म प्रमाण पत्र जारी न करने का आदेश जारी किया है. बांग्लादेशियों के नाम पर वे पूर्वांचलियों का अपमान और अपमान करना चाहते हैं. वे यूपी-बिहार के गरीबों को अपमानित करना चाहते हैं. यह आदेश क्यों जारी किया गया है?'