सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार एक नया प्रयोग करने जा रही है. पहली बार राजधानी के सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग यानी पीटीएम का आयोजन होगा. 30 जुलाई को पहली बार दिल्ली के करीब 1000 सरकारी स्कूलों में एक साथ पीटीएम होगी. शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है कि टीचर्स सभी पेरेंट्स से एक-एक कर बात करेंगे.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में कार्यरत है. लेकिन ये सुधार तब तक नहीं होगा, जब तक पेरेंट्स और टीचर्स की सहभागिता नहीं होगी. स्कूली बच्चों की बेहतर पढ़ाई, अनुशासन, आदत से लेकर बच्चे के कौशल और व्यवहार को निखारने के लिए पेरेंट्स और टीचर्स का बातचीत करना बहुत जरूरी है. सरकारी स्कूलों में हर साल दो बार इसी तरह बड़े स्तर पर पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग होगी ताकि स्कूली बच्चे, टीचर्स और पैरेंट्स के बीच तालमेल बना रहे.'
पीटीएम के लिए अलग बजट
दिल्ली सरकार ने इस विशेष पीटीएम प्रोग्राम के लिए अलग बजट भी तैयार किया है. साथ ही स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि सभी पेरेंट्स को हैंड मेड इन्विटेशन कार्ड भेज तक 30 जुलाई को स्कूल आमंत्रित किया
जाए. पेरेंट्स के स्वागत के लिए भी स्कूलों को इंतजाम करने को कहा गया है.
सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए शुरू किए गए ये प्रोग्राम
सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए दिल्ली सरकार वैसे तो कई काम कर रही हैं लेकिन 'चुनौती 2018' दिल्ली सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोग्राम है, जिसका मकसद कक्षा 9वीं के छात्रों को डिटेंशन पॉलिसी के नुकसान
से अवगत कराते हुए पढ़ाई में दिलचस्पी बढ़ाना है. इसी तरह प्राइमेरी और अपर प्राइमेरी के छात्रों के लिए जोड़ो ज्ञान और प्रगति जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं.
हर शुक्रवार 12 से 1 सिर्फ पेरेंट्स से मिलने का निर्देश
दिल्ली सरकार ने शिक्षा निदेशालय के सभी डिस्ट्रिक और जोनल ऑफिसर को भी निर्देश दिए हैं कि हर शुक्रवार को 12 से 1 बजे का वक्त सिर्फ पेरेंट्स से मिलने के लिए रखा जाए ताकि पेरेंट्स को छात्र और स्कूल से
जुड़ी अपनी किसी भी समस्या को दूर करने के लिए भटकना ना पड़े.
दिल्ली सरकार ने अप्रैल-मई के महीने में पहली बार सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों के दौरान समर कैंप का भी आयोजन किया था, जिसे छात्रों और अभिभावकों ने खूब सराहा था.