दिल्ली में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को जनता ने प्रचंड बहुमत दिया है. अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. वहीं शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को बुलाए जाने के मामले पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है.
कांग्रेस और बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों को शिक्षकों को भेजने का आदेश दिया गया है ताकि शपथ ग्रहण के दौरान भीड़ जुटाई जा सके. इसको लेकर कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने ट्ववीट कर कहा है, 'शपथ ग्रहण समारोह का नया मॉडल! अरविंद केजरीवाल की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पहुंचने का सरकारी फरमान जारी किया गया है. मतलब साफ है सत्ता का दुरुपयोग करके भीड़ इकट्ठी की जा रही है. महामहिम उपराज्यपाल तुरंत इस पर संज्ञान लें. यह जांच का विषय है.'
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दूसरी ओर दिल्ली बीजेपी के नेता और प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने एक ट्वीट में कहा, 'फ्री घोषणाओं के बल पर चुनाव जीती आम आदमी पार्टी के पास विधायक तो हैं पर जनसमर्थन नही है. अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण में लोगों के न आने की चिंता से परेशान CM साहब ने मुख्य सचिव के माध्यम से निकाला फरमान. 30000 टीचरों को रविवार को रामलीला मैदान पहुंचने का आदेश.'
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बता दें, अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया है. वहीं शपथ ग्रहण समारोह में अरविंद केजरीवाल के साथ ही 6 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. इन विधायकों में मनीष सिसोदिया, सतेंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम शामिल हैं.