दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराया. इस पर कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यह शीला दीक्षित का अपमान है.
कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं. एक नई पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के उदय ने पूरे कांग्रेस वोट बैंक को छीन लिया. हम इसे कभी वापस नहीं पा सके. यह अभी भी आप के साथ बना हुआ है.
Sheila Dikshit ji was a remarkable politician & administrator. During her tenure as Chief Minister, Delhi was transformed & Congress was stronger than ever.
Unfortunate to see her being blamed after her death. She dedicated her life to @INCIndia & the people of Delhi https://t.co/XwQPlHE6cw
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) February 12, 2020Advertisement
इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कहा कि शीला दीक्षित जी एक उल्लेखनीय राजनीतिज्ञ और प्रशासक थीं. मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली की तस्वीर बदली और कांग्रेस पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई. उनकी मौत के बाद उनको दोषी ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने अपना जीवन कांग्रेस और दिल्ली के लोगों के लिए समर्पित कर दिया.
पोस्टर पर शीला, दिल्ली के दिल में AAP
इस बार का चुनाव कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के काम पर ही लड़ा. कांग्रेस ने अपने पोस्टर पर शीला दीक्षित को जगह दी और नारा दिया-फिर से कांग्रेस वाली दिल्ली लाएंगे. शीला की दिल्ली का जो वादा कांग्रेस ने किया, उसे दिल्लीवालों ने नकार दिया.
Subhash Chopra tenders his resignation from the post of Delhi Congress chief. #DelhiResults (file pic) pic.twitter.com/jfzlUlqQ27
— ANI (@ANI) February 11, 2020
सुभाष चोपड़ा ने दिया इस्तीफा
हार के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इस्तीफा दे दिया है. सुभाष चोपड़ा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता को गुमराह करने में सफल रही. उन्होंने 3 हजार करोड़ रुपये विज्ञापनों में खर्च दिए. शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल में जितना काम हुआ, वहां तक कोई भी पार्टी नहीं पहुंच पाई. दिल्ली की हार पर अब कांग्रेस को आत्ममंथन नहीं, नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत दिख रही है.