दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी का खेमा ऊपर से भले ही शांत दिख रहा हो लेकिन अंदरखाने बेचैनी तेज है. हार के कारणों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से जवाब मांगा, दोनों नेताओं ने करीब दो घंटे हार पर मंथन किया.
जेपी नड्डा, बीएल संतोष के साथ मनोज तिवारी की बैठक दो घंटे तक चली. अब मनोज तिवारी ने सभी प्रत्याशी, विधानसभा प्रभारी, विस्तारक समेत अन्य नेताओं की अलग-अलग बैठक बुलाई है. ये बैठक शुक्रवार को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी. इस बैठक के बाद मनोज तिवारी एक विस्तृत रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौपेंगे.
चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी लगातार दावा कर रही थी कि इस बार वह 45 से अधिक सीटें जीतेगी. खुद मनोज तिवारी भी लगातार 48 सीटें जीतने की हुंकार भर रहे थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है बीजेपी का रथ सिर्फ 8 सीटों पर थम गया.
A meeting between BJP national president Jagat Prakash Nadda and Delhi BJP chief Manoj Tiwari is underway in Delhi. (file pics) pic.twitter.com/pvGUyjKSOE
— ANI (@ANI) February 13, 2020
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बता दें कि बुधवार को ही एक बयान में मनोज तिवारी ने कहा था कि पार्टी की ओर से उनसे इस्तीफा देने को नहीं कहा गया है और ना ही उन्होंने इस्तीफा देने की पेशकश की है. दिल्ली बीजेपी में कुछ ही समय बाद संगठन के चुनाव होने हैं, इसी वजह से इस्तीफा नहीं मांगा गया है.
जीत को लेकर आश्वस्त थे मनोज तिवारी
मनोज तिवारी भारतीय जनता पार्टी की जीत के लिए आश्वस्त थे और नतीजों के दिन भी लगातार जीत का दावा कर रहे थे. नतीजों वाली सुबह मनोज तिवारी कह रहे थे कि शाम तक के नतीजों में भाजपा बहुमत को छू लेगी लेकिन बीजेपी दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी. इससे पहले एग्जिट पोल में भी जब बीजेपी की हार दिखाई गई तो भी मनोज तिवारी ने इसे मानने से इनकार कर दिया था.
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एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अब मंथन शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में लगातार 0 आने पर भूचाल शुरू हो गया है. कांग्रेस में अभी तक प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, प्रभारी पीसी चाको ने अपना इस्तीफा दे दिया था. दोनों नेताओं के इस्तीफे को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकार कर लिया है.