दिल्ली के सिनेमाघरों, मल्टीप्लेक्स, ऑफिस स्पेस, होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल आदि जिनकी 100 वाहनों से ज़्यादा पार्किंग कैपेसिटी है, उन्हें अपनी पार्किंग क्षमता का 5% इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आरक्षित करना होगा. दिल्ली सरकार ने इससे संबंधित औपचारिक आदेश जारी कर दिया है.
दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश के मुताबिक, पार्किंग क्षमता का 5% स्पेस इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिजर्व करने के साथ पार्किंग में स्लो इलेक्ट्रिक चार्जर्स को भी व्यवस्था करनी होगी. इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के तहत दिसंबर तक सभी कॉम्पलेक्स को अपने सिस्टम को अपग्रेड करना का समय दिया गया है.
साथ ही, ऐसे कॉम्प्लेक्स को प्रति चार्जिंग पॉइंट 6 हज़ार रुपए तक की सब्सिडी भी दी जायेगी. इस फैसले से सरकार को दिल्ली में दिसम्बर तक 10 हज़ार से ज़्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जर उपलब्ध होने की उम्मीद है.
बीते दिनों दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 'स्विच दिल्ली' अभियान चला रही केजरीवाल सरकार ने एक इलेक्ट्रिक वाहन बेचने वाली कंपनी को दी जानी वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया था. 'टाटा नेक्सन' के इलेक्ट्रिक वाहन कार मॉडल पर दी जाने वाली सब्सिडी को सस्पेंड करने का सरकारी आदेश जारी किया था.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि टाटा नेक्सन के इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल के 'सब-स्टैंडर्ड परफॉर्मेंस' को लेकर परिवहन विभाग को उपभोक्ताओं से लगातार शिकायतें मिल रही थीं. शिकायतों के आधार पर दिल्ली सरकार ने सब्सिडी सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही शिकायत करने वालों और टाटा मोटर्स लिमिटेड की तरफ से किए जा रहे दावों की जांच भी की जाएगी.