scorecardresearch
 

दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ने से कितना होगा असर, जानें- आपके इलाके में अब किस हिसाब से आएगा बिल

BRPL उपभोक्ताओं के लिए PPAC बढ़कर 35.83% हो गया है, इसका मतलब ये है कि 0-200 यूनिट खपत के लिए बेस प्राइस एडजस्टमेंट 3.00 रुपये से 4.07 रुपये प्रति यूनिट हो गया है, इसी तरह हाई कंजप्शन ब्रैकेट की दरें भी बढ़ गई हैं. उदाहरण के लिए 201-400 यूनिट की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अब 2021-22 के टैरिफ ऑर्डर में 4.50 रुपये की तुलना में 6.11 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा.

Advertisement
X
दिल्ली में बिजली के दामों में बढ़ोतरी हुई है
दिल्ली में बिजली के दामों में बढ़ोतरी हुई है

दिल्लीवासी एक बार फिर बिजली के बढ़े हुए दामों की मार झेलेंगे. दरअसल, दिल्ली में बिजली के दामों में बढ़ोतरी होने जा रही है. बिजली के मूल्य में हुई बढ़ोतरी मई के महीने से जोड़ी जाएगी. यानी 1 मई के बाद खर्च की गई बिजली का बिल बढ़े हुए दाम के साथ जोड़ा जाएगा. जुलाई में आने वाले बिलों में ये बढ़ोतरी नजर आएगी और यह 1 मई से 3 महीने के लिए लागू रहेगी. हैरानी की बात ये है कि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन यानी DERC की ओर से बुनियादी बिजली शुल्क में संशोधन नहीं किए जाने के बावजूद दिल्ली के लोगों को बिजली के बिलों में बढ़ोतरी का सामना करना होगा. 

Advertisement

क्या है PPAC और क्यों बढ़ रहा फाइनेंशियल बोझ?

बता दें कि बिजली उपभोक्ताओं पर ये फाइनेंशियल बोझ मुख्य रूप से पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट यानी PPAC के तिमाही संशोधन के कारण उत्पन्न हुआ है, ये ऐसा सिस्टम है जो कंज्यूमर्स (उपभोक्ताओं) के लिए आर्थिक बोझ साबित हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में PPAC की दरों में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बिजली की आपूर्ति करने वाली विभिन्न डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) पर पड़ा है.

किस कंपनी का कितना PPAC बढ़ा?

साउथ और वेस्ट दिल्ली को बिजली की सप्लाई करने वाली BSES राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) का PPAC 35.83% तक बढ़ा है. जबकि ईस्ट और मध्य दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाली BSES यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) का PPAC 37.75% तक बढ़ा है. इसी तरह टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) के PPAC में 37.88% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि सरकारी स्वामित्व वाली नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) जो शहर के सबसे पॉश इलाकों में पावर सप्लाई करती है, उसक PPAC सबसे ज्यादा 38.75% है. इस वित्तीय बोझ में हालिया बढ़ोतरी 1 मई को लागू हुई, जिसका असर जुलाई के बिजली बिलों में दिखाई दे रहा है. बिल में PPAC की नई दरों के तहत बढ़ोतरी की गई है. 

Advertisement

किस डिस्कॉम के उपभोक्ता पर कितना भार?

BYPL कंज्यूमर्स को अतिरिक्त 6.15% का बोझ झेलना पड़ेगा, जबकि BRPL और TPDDL और NDMC प्रत्येक में 8.75% की बढ़ोतरी हुई है. ये बढ़ी हुई लागतें दिल्लीवासियों के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन या डिस्कॉम से राहत के कोई संकेत नहीं मिले हैं, ऐसे में उपभोक्ताओं को आर्थिक संकट का सामना करना होगा.  

ये भी पढ़ेंः दिल्ली: BSES और BYPL के सप्लाई क्षेत्र में महंगी हुई बिजली, 3 महीने के लिए लागू होंगे नए रेट
 

किस बिजली कंपनी के कंज्यूमर्स की जेब पर कितना असर?

विभिन्न डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) द्वारा पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट में नए संशोधन के बाद बिजली की दरों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसमें BRPL, BYPL, TPDDL और NDMC शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है. बता दें कि BYPL के इलाके में पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के हिस्से आते हैं, जबकि BRPL के इलाके में दक्षिणी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के क्षेत्र आते हैं.

BRPL उपभोक्ताओं के लिए PPAC बढ़कर 35.83% हो गया है, इसका मतलब ये है कि 0-200 यूनिट खपत के लिए बेस प्राइस एडजस्टमेंट 3.00 रुपये से 4.07 रुपये प्रति यूनिट हो गया है, इसी तरह हाई कंजप्शन ब्रैकेट की दरें भी बढ़ गई हैं. उदाहरण के लिए 201-400 यूनिट की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अब 2021-22 के टैरिफ ऑर्डर में 4.50 रुपये की तुलना में 6.11 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा और 1200 यूनिट से अधिक की खपत करने वालों को 8 रुपये की तुलना में 10.87 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा.

Advertisement

BYPL उपभोक्ताओं को 37.75% के PPAC का सामना करना पड़ रहा है. इसके तहत 0-200 यूनिट ब्रैकेट के लिए नई दर 4.12 रुपये प्रति यूनिट है, साथ ही उच्च खपत वाले ब्रैकेट में भी काफी बढ़ोतरी हुई है जैसे 201-400 यूनिट के लिए दर अब 6.18 रुपये प्रति यूनिट है और 1200 यूनिट से अधिक वालों के लिए यह बढ़कर 11.00 रुपये प्रति यूनिट हो गई है.

TPDDL कोई अपवाद नहीं है, जिसमें PPAC में 37.88% की वृद्धि देखी गई है. इसमें 0-200 यूनिट की लागत अब 4.14 रुपये प्रति यूनिट है, जो हाई ब्रैकेट में काफी बढ़ गई है. 201-400 यूनिट के लिए यह दर 6.20 रुपये प्रति यूनिट है और 1200 यूनिट से अधिक खपत के लिए यह दर 11.03 रुपये प्रति यूनिट है.

NDMC के उपभोक्ताओं पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, जिनका PPAC 38.75% है. इसके तहत 0-200 यूनिट के लिए नई दर 4.16 रुपये प्रति यूनिट है, हाई कंजप्शन ब्रैकेट के लिए अब 201-400 यूनिट के लिए बढ़ी हुई दरें 6.24 रुपये और 1200 यूनिट से अधिक खपत के लिए यह दर 11.10 रुपये प्रति यूनिट है.

निजी डिस्कॉम मौजूदा बढ़ोतरी को लेकर क्या कह रहे?

दिल्ली की निजी बिजली डिस्कॉम के अनुसार 25 से ज़्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट फॉर्मूला या पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट लागू किया है. दरअसल PPAC, विद्युत विनियामक आयोग द्वारा स्वीकृत सरचार्ज है, जो डिस्कॉम (वितरण कंपनी) द्वारा वहन की जाने वाली पावर परचेज कॉस्ट में होने वाले बदलावों से जुड़ा होता है. ये कॉस्ट कोयले और ईंधन की कीमतों पर बहुत ज़्यादा निर्भर करती हैं, जो हाल ही में आयात और परिवहन व्यय में बढ़ोतरी के कारण बढ़ी हैं. उदाहरण के लिए सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों समेत गुजरात में PPAC अधिभार 50% तक है. इन कंपनियों का दावा है कि बिजली अधिनियम, संबंधित नियमों और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (APTEL) के आदेशों के अनुसार PPAC का समय पर लागू होना बहुत ज़रूरी है. 

Advertisement

किस आधार पर लागू होता है PPAC?

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन (CERC) NTPC और NHPC जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) को मासिक आधार पर PPAC लागू करने के लिए अधिकृत करता है. इसके विपरीत दिल्ली डिस्कॉम PPAC को तिमाही आधार पर लागू करते हैं, लेकिन दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) से पूरी तरह से वैरिफिकेशन और अप्रूवल के बाद ही इसे लागू किया जाता है. PPAC की जरूरत 9 नवंबर 2021 को जारी किए गए ऊर्जा मंत्रालय के निर्देशों के तहत है, जो यह निर्देश देते हैं कि सभी स्टेट रेग्यूलेटरी कमीशन को ईंधन और बिजली खरीद लागतों के ऑटोमैटिक पास-थ्रू के लिए एक सिस्टम बनाना चाहिए. जबकि 2022 के संशोधित विद्युत नियम में कहा गया है कि सभी स्टेट कमीशन ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव से होने वाली लागतों की वसूली के लिए 90 दिनों के भीतर प्राइस एडजस्टमेंट फॉर्मूला तैयार करें. 

Live TV

Advertisement
Advertisement