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BJP ने बिजली सब्सिडी पर AAP को घेरा, केजरीवाल से पूछे ये 5 सवाल

दिल्ली में बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर बनी हुई है. नया मामला बिजली सब्सिडी से जुड़ा है. बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बिजली कंपनियों के साथ सांठगांठ कर घोटाला किया है. इसे लेकर BJP ने AAP से 5 सवाल पूछे हैं.

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अरविंद केजरीवाल (File Photo PTI)
अरविंद केजरीवाल (File Photo PTI)

दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी की तकरार बनी हुई है. पहले शराब घोटाला फिर बस खरीद में अनियमिता जैसे मसलों को लेकर बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी पर हमला कर रही है. अब नया मामला बिजली सब्सिडी का है, जिसे लेकर बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बिजली कंपनियों के साथ मिलकर घोटाला किया है.

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AAP पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

बीजेपी की ओर से डॉ. सैयद जफर इस्लाम ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करके आम आदमी पार्टी की सरकार पर 'बिजली सब्सिडी' को लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि 2013 में सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली की तीनों बिजली वितरण कंपनियों (Discom) को चोर कंपनी कहा करते थे. उन्हें बदलने और हर साल ऑडिट कराने की बात किया करते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, बल्कि अब वो उनके साथ सांठगांठ कर चोरी करते हैं.

रिलायंस पर करोड़ों बकाया

जफर इस्लाम ने कहा कि दिल्ली की बिजली कंपनी BRPL जो अनिल अंबानी की कंपनी है, उसके पास 2160 करोड़ रुपये का बकाया था. उनकी कंपनी के बोर्ड में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि भी थे. उन्हें हटाकर जैस्मीन शाह और एन. डी. गुप्ता को बोर्ड में डायरेक्टर बना दिया गया. पुराने बकाया पर ब्याज की दर भी 18 प्रतिशत से घटाकर 12 कर दी गई, इससे सरकारी खजाने को आर्थिक नुकसान हुआ है. अब अरविंद केजरीवाल बकाया वसूली की जगह फ्यूचर सेटलमेंट की बात कर रहे हैं.

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AAP से BJP के 5 सवाल

जफर इस्लाम ने इस मसले को लेकर AAP से 5 सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल सरकार में कैबिनेट ने 2016 में बिजली कंपनियों के हर साल ऑडिट का फैसला लिया था, तो उसे नजरअंदाज करके कभी ऑडिट क्यों नहीं कराया गया. BRPL का ऑडिट क्यों नहीं करवाया गया. वहीं दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (DERC) ने सरकार को किसी भी तरह की सब्सिडी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से देने का निर्देश दिया था, ऐसा क्यों नहीं किया गया. आखिर कंपनी के बोर्ड से सरकार के प्रतिनिधि को हटाकर जैस्मीन शाह जैसे लोगो को क्यों रखा गया, सरकार के फ्यूचर सेटलमेंट की रूपरेखा क्या है और 2015 से 2021 के बीच बिजली कंपनियों ने दिल्लीवासियों से जो 49,636 करोड़ रुपये लिए, उसकी CAG जांच हो.

 

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