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दिल्ली: EWS कोटे में एडमिशन पर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी

दिल्ली के करीब 2300 प्राइवेट स्कूलों में 27 फरवरी को ईडब्लूएस कोटे के तहत एडमिशन के लिए ड्रा निकाला गया. ड्रा में वो लोग भाग्यशाली रहे जिनके बच्चों का नाम इसमें आ गया, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद भी अभिभावक एडमिशन के लिए भटक रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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दिल्ली के करीब 2300 प्राइवेट स्कूलों में 27 फरवरी को ईडब्लूएस कोटे के तहत एडमिशन के लिए ड्रा निकाला गया. ड्रा में वो लोग भाग्यशाली रहे जिनके बच्चों का नाम इसमें आ गया, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद भी अभिभावक एडमिशन के लिए भटक रहे हैं.

अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों पर एग्जाम, एडमिशन, बस का किराया और यूनिफार्म के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगया है. इस साल करीब 18000 फॉर्म भरे गए और करीब 4000 बच्चों का नाम ड्रा में निकला है, लेकिन बच्चों के लिए अभिभावक अभी भी एडमिशन के लिए भटक रहे हैं. बता दें कि पिछले साल प्राइवेट स्कूलों की कारस्तानी के चलते EWS कोटे के करीब 10 हजार एडमिशन हुए ही नहीं. इस साल कोटे की 45000 सीटों के लिए करीब डेढ़ लाख आवेदन आए.

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अभिभावक मोहम्मद अंसारी ने कहा कि उनसे एग्जाम फीस के नाम पर 700 रुपया मांगा जा रहा है. उनका कहना है कि उनके बच्चे का ड्रा में नाम तो आ गया, वो भी 19 किलोमीटर दूर. 3 साल का बच्चा हर रोज इतनी दूरी कैसे तय करेगा. स्कूल बदलवाने के नाम पर प्राइवेट स्कूल कई बार चक्कर लगवा रहे हैं. क्या शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एडमिशन सुनिश्चित नहीं करना चाहिए.

दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इनकम सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र दोनों में से कोई एक हो तो स्कूल को किसी और दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी, लेकिन फिर भी स्कूलों की मनमानी चरम पर है.

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