दिल्ली शराब घोटाला मामले में कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक घर पर अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस दौरान सिसोदिया द्वारा कोई भी राजनीतिक बैठक, कोई राजनीतिक भाषण नहीं दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट द्वारा उन्हें समान राहत देते समय लगाए गए प्रतिबंधों के समान ही प्रतिबंध लगाएगा.
शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई और ईडी के विरोध के बावजूद सिसोदिया को इजाजत दे दी. सिसोदिया ने हिरासत में रहते हुए अपनी बीमार पत्नी से 5 दिनों के लिए मिलने की अनुमति के लिए आवेदन दायर किया था. आवेदन के मुताबिक 25 अप्रैल को उनकी पत्नी को मल्टीपल स्क्लेरोसिस का तीव्र अटैक पड़ा. हाल ही में उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्याओं का पता चला है.
कोर्ट ने कहा कि यह पहले से ही रिकॉर्ड में है कि उनकी पत्नी मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित हैं और दावा किया गया है कि वह पिछले 20 वर्षों से इससे पीड़ित हैं. इस दौरान सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा कि ऐसी स्थिति में 5 दिनों की बजाय 2-2 दिनों की अनुमति दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि 1 दिन के लिए हाईकोर्ट ने भी उन्हें अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी.
वहीं सीबीआई ने इस आधार पर मांगी गई अनुमति का विरोध किया कि उक्त अनुरोध सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपी की नियमित जमानत याचिका खारिज करने के 30 अक्टूबर के आदेश में दिए गए निर्देशों या टिप्पणियों के अनुरूप नहीं है. सीबीआई के वकील ने कहा कि सिसोदिया की नियमित जमानत सुप्रीम कोर्ट तक खारिज हो चुकी है और अपने आदेश के तहत सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को इस अदालत के समक्ष ऐसा कोई अनुरोध करने या अपने घर जाने और अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति मांगने की अनुमति नहीं दी है.
ईडी ने इस आधार पर सिसोदिया के अनुरोध का भी विरोध किया कि उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई है और उन्हें इस तरह का आवेदन दायर करने की कोई स्वतंत्रता नहीं दी गई है.