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दिल्ली: कोरोना वैक्सीन के डर को दूर करने के लिए एक्सपर्ट्स कर रहे हैं काउंसलिंग

दिल्ली में 81 वैक्सीनेशन साइट पर रोजाना लगभग 8100 हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन शुरुआती 3 दिनों के आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है.

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कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं (फाइल फोटो)
कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना को लेकर हेल्थकेयर वर्कर्स में भी डर बना हुआ है
  • आधी संख्या में ही वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं लोग

देश की राजधानी में वैक्सीन लगवाने वालों की कम संख्या के मद्देनजर अस्पतालों में हेल्थकेयर वर्कर्स की काउंसलिंग की शुरुआत की गयी है. बुधवार को दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में एक्सपर्ट का एक पैनल वैक्सीन के साइड इफेक्ट और इससे जुड़े सवालों के जवाब देने पहुंचा. काउंसलिंग का एक बड़ा मकसद, वैक्सीन लगवाने के लिए हेल्थकेयर वर्कर्स के मन मे घर बना चुके डर और शक को दूर करना है. दरअसल, दिल्ली में 81 वैक्सीनेशन साइट पर रोजाना लगभग 8100 हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन शुरुआती 3 दिनों के आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. दिल्ली में पहले दिन 16 जनवरी को 4319, दूसरे दिन 18 जनवरी को 3598 और तीसरे दिन 19 जनवरी को 4936 हेल्थकेयर वर्कर्स ने टीका लगवाया.

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टीकाकरण में हिस्सा नहीं लेने वाले और आने वाले दिनों में जिन हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा, उन्हें काउंसलिंग  में शामिल किया गया, और एक्सपर्ट द्वारा वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब भी दिए गए.

दिल्ली में शुरुआती 3 दिन में कुल 12,853 लोगों ने कोरोना का टीका लगवाया जबकि 3 दिन में कुल 26,378 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट जहां हेल्थकेयर वर्कर्स की काउंसलिंग  की गयी, वहां कुल 700 हेल्थकेयर वर्कर 'को-विन प्लेटफॉर्म' पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. यहां रोजाना टीका लगवाने वालों लक्ष्य 100 रखा गया है जबकि 3 दिन में सिर्फ 86 हेल्थकेयर वर्कर्स ने ही वैक्सीन लगवाई.

राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल एक्सपर्ट के तौर पर दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में हेल्थकेयर वर्कर्स का डर दूर करने की कोशिश करते नजर आए. डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भ्रम को दूर करने के लिए आज हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ काउंसलिंग सेशन का आयोजन किया गया. इस दौरान वैक्सीन के लिए कंसेंट फॉर्म, सेफ़्टी, वैक्सीन लगाने के कितने दिनों तक एंटीबॉडी रहेगी या वैक्सीन लगवाने के बाद भी क्या कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, जैसे सवाल पूछे गए.

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वहीं, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ.अरुण गुप्ता ने हेल्थकेयर वर्कर्स के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि "जिस तरह भारत में वैक्सीनेशन का सिस्टम आया है लोगों के जहन में सेफ़्टी को लेकर सवाल हैं. भारत मे उपलब्ध दोनों वैक्सीन सेफ्टी के पैरामीटर को पार कर चुकी हैं और इसे लेकर कोई भ्रांति नही होनी चाहिए. दरअसल वैक्सीन बनाने के लिए इस्तेमाल हुई तकनीक पहले भी इस्तेमाल की जा चुकी है इसलिए घबराने की ज़रूरत नही है.''

डॉ अरुण गुप्ता ने बताया कि हेल्थकेयर वर्कर्स के मन में सवाल है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट तो नही है. इसके जवाब के लिए डेटा पर नजर डालें तो वैक्सीन लगवाने वाले 1000 में से 2 लोगों को माइल्ड रिएक्शन हुए थे. जो सामान्य बात है. साथ ही वर्कर्स के मन में वैक्सीन के अचानक मार्केट में आ जाने को लेकर सवाल थे, तो हेल्थकेयर वर्कर्स को हमने बताया कि वैक्सीन साइंटिफिक प्रक्रिया के तहत बनी हैं और 100% सेफ होने के साथ साथ असरदार भी हैं.

एक्सपर्ट द्वारा कॉउंसलिंग किए जाने के बाद दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में नर्सिंग स्टाफ मुक्ति ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर बहुत पॉजिटिव हूँ. कोरोना के समय काफी दिक्कतों का सामना किया है और अब ऐसी वैक्सीन आई है जिससे कोरोना खत्म हो सकता है. जबसे वैक्सीन आयी है तब से उत्सुकता बढ़ गयी है. वैज्ञानिकों ने कम समय में वैक्सीन तैयार की है, और हमें वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिए. वैक्सीन लगवा चुके स्टाफ को कोई दिक्कत नही आ रही है, अब हमें इंतजार है कि जल्द से जल्द हम वैक्सीन लगवा पाएं.

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इस बीच दिल्ली सरकार ने टीकाकरण कराने वालों की कम संख्या को देखते हुए फैसला लिया है कि अब कोई भी ऐसा स्वास्थ्यकर्मी जिसका रजिस्ट्रेशन 'को-विन प्लेटफॉर्म' पर हो चुका है, वह किसी भी दिन टीका लगवा सकता है. जबकि अभी तक यह व्यवस्था थी कि जिस दिन के लिए रजिस्टर्ड लाभार्थी को टीका लगवाने को बुलाया जाएगा, टीका उसी दिन लगेगा.

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