त्योहार दस्तक देने वाले हैं. कोरोना अभी भी पैठ जमाए बैठा है,लेकिन स्थिति पहले से काफी बेहतर है. अब इस साल दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि लोगों को त्योहार के वक्त ढील दी जाएगी. वे पहले की तरह कार्यक्रम में हिस्सा भी ले पाएंगे और रामलीला और दुर्गा पूजा का लुत्फ उठाएंगे. लेकिन सभी को DDMA द्वरा बताई गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा.
त्योहारों के लिए DDMA की गाइडलाइन
- DDMA ने सिर्फ छठ नहीं बल्कि नवंबर तक आने वाले बाकी त्योहारों के लिए भी गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें लिखा है कि फेस्टिव सीजन के दौरान दिल्ली में मेला, फूड स्टाल, झूले, रैली आदि की इजाजत नहीं है.
- छठ पूजा के लिए लिखा गया है कि सार्वजनिक जगहों, पब्लिक ग्राउंड, नदी के किनारों, मंदिरों आदि में छठ पूजा नहीं की जा सकेगी. ऐसे में लोगों को घर में छठ पूजा करने को कहा गया है.
- कोई भी त्योहार से संबंधित इवेंट करने के लिए इलाके के DM से इजाज़त लेना जरूरी होगा. किसी भी इवेंट की इजाजत इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दिल्ली पुलिस के डीसीपी मिल कर देंगे.
- किसी बंद जगह में इवेंट में पूरी क्षमता के 50% ही लोग होंगे, 200 से ज़्यादा लोग नहीं हो सकते... खुली जगह में एरिया और सामाजिक दूरी के नियम के हिसाब से अधिकतम संख्या सख्ती के साथ तय की जाएगी. इवेंट ऑर्गेनाइजर इवेंट के लिए एंट्री और एग्जिट के अलग-अलग गेट रखेंगे और किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क के एंट्री नहीं दी जाएगी.
- ऐसे सभी इवेंट का डाटा डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अपने पास रखेंगे और पूरी दिल्ली का डाटा डिविजनल कमिश्नर के पास रहेगा. हर इवेंट जैसे रामलीला/पूजा पंडाल के लिए डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे. इलाके के डीसीपी भी एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे. यह दोनों अधिकारी सरकार द्वारा जारी आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएंगे.
- हर इवेंट ऑर्गेनाइजर या समिति को अपने इवेंट की वीडियो रिकॉर्डिंग करवानी होगी. यह वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू से लेकर आखिर तक रोजाना करानी होगी. इस पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की सॉफ्ट कॉपी भी दिखानी होगी और यह सर्टिफिकेट लेना होगा कि भारत सरकार और दिल्ली सरकार द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का उल्लंघन नहीं हो रहा है.
- नोडल ऑफिसर वीडियो रिकॉर्डिंग देखेंगे और अगर किसी भी दिशा निर्देश या स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का उल्लंघन पाया जाएगा तो वह डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डीसीपी को रिपोर्ट भेजेंगे जिसके बाद इवेंट की इजाजत रद्द कर दी जाएगी. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अपनी तरफ से भी सैंपल वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि नियमों का पालन हो रहा है.
- त्योहारों के दौरान किसी भी त्योहार वाले इवेंट में कोई भी व्यक्ति खड़ा हुआ या जमीन पर बैठा हुआ नहीं होगा. केवल कुर्सी पर बैठना होगा और दूरी के नियम का पालन करना होगा.
जानकारी दी गई है कि ये ढील सिर्फ 15 नवंबर तक लागू है और त्योहारी सीजन के वक्त ही सक्रिय रहने वाली है. वैसे कुछ पाबंदियां ऐसी भी हैं जो पिछले साल की तरह लागू रहने वाली हैं. इस साल भी दिल्ली में पटाखे ना बेचे जाएंगे और ना ही जलाएं जाएंगे.