राष्ट्रीय राजधानी में गर्मी अपने प्रचंड तेवर दिखा रही है. तापमान बढ़ने के साथ ही दिल्ली में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं. दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) को एक ही दिन के भीतर 200 से अधिक कॉल प्राप्त हुए, जिनमें 183 आग से संबंधित थे. यह इस साल अब तक की सबसे अधिक कॉल हैं.
डीएफएस की ओर से शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 26 मई तक उन्हें आग से संबंधित 8,912 कॉल प्राप्त हुए. डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि 29 मई की मध्यरात्रि तक 24 घंटों में हमें आग से संबंधित 183 कॉल मिले, जो कि यह इस साल में एक दिन के भीतर दर्ज किए गए सबसे अधिक कॉल थे.
दिल्ली में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चले जाने से आग से संबंधित घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है.
आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक राष्ट्रीय राजधानी में आग ने 55 लोगों की जान ले ली है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
जनवरी में आग से जुड़ी घटनाओं में 16 लोग मारे गए, फरवरी में 16, मार्च में 12, अप्रैल में चार और 26 मई तक सात लोगों की मौत हो गई थी.
26 मई को पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में आग लगने की घटना में छह नवजात शिशुओं की मौत हो गई और 5 घायल हो गए. नवजात शिशु अस्पताल में आग लगने से पांच ऑक्सीजन सिलेंडर फट गए थे.
वहीं, 29 मई को पूर्वी दिल्ली के मधु विहार इलाके में नगर निगम संचालित पार्किंग में लगी आग में 16 कारें जलकर खाक हो गई थीं. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था. उसी दिन उत्तरी दिल्ली के चांदनी चौक में आग लगने से 5 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं.
इसके अलावा, 28 मई को पश्चिम विहार इलाके में एक प्राइवेट नेत्र अस्पताल में आग लग गई. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, क्योंकि लोगों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.