दिल्ली के करोलबाग होटल अग्निकांड में फायर अफसरों ने अहम खुलासा किया है. हादसे के रेस्क्यू में शामिल कर्मचारियों ने आजतक से बात करते हुए कैमरे पर आरोप लगाया कि दिल्ली फायर विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा रहा है और जिसकी वजह से फायर सर्विसेज को बेहद कम इक्विपमेंट्स और कम स्टाफ में काम करने मजबूर हैं.
दिल्ली के करोलबाग स्थित होटल अर्पित पैलेस में शॉर्ट सर्किट से मंगलवार सुबह भीषण आग लग गई. जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई है, इस भीषण हादसे में जिन बहादुर फायर कर्मचारियों ने जान पर खेलकर लोगों को रेस्क्यू किया, उसमें से ही एक फायर अफसर ने आजतक के कैमरे पर खुलासा किया है कि अगर उनके पास और संसाधन होते या पर्याप्त मैनपावर होती तो और लोगों को बचाया जा सकता था.
एक फायर अफसर कप्तान सिंह ने बताया कि कैसे दिल्ली में छह हाइड्रोलिक मशीनों में से केवल दो मशीनें ही काम कर रही हैं. बाकी चार मशीनें चालू हालत में नहीं हैं.
दिल्ली जैसे बड़े शहर में फायर सर्विसेस कर्मचारियों की हालत बेहाल है. इन फायर कर्मचारियों के पास आग बुझाते वक्त पहनकर जाने वाला फायर सूट और जरूरी सामान तक नहीं होते हैं.
दिल्ली के कनॉट प्लेस फायर स्टेशन से कर्मचारी शरद ने बताया कि फायर कॉल पर जाने के लिए पहनने वाली ड्रेस यानी फायर सूट तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. इसके अलावा हेलमेट, गम बूट, दस्ताने, मास्क, सेफ्टी बेल्ट, थर्मल इमेजिंग कैमरे जैसे जरूरी इक्विपमेंट्स भी न के बराबर ही मिलते है.
दिल्ली फायर सर्विसेज की हालत किस कदर बेहाल है, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन फायर फाइटर्स के कंधों पर आग बुझाने की जिम्मेदारी होती है उनके दिल्ली भर में स्वीकृत 2350 पदों में से तकरीबन 1400 पद खाली पड़े हैं.
इसी तरह 70 फीसदी फायर स्टेशन में इंचार्ज ही नहीं हैं. इसके अलावा अन्य सभी तरह के स्टॉफ में तकरीबन 45-50 फीसदी पद खाली पड़े हैं. बता दें दिल्ली में फ़ायर सर्विस विभाग गृह मंत्रालय के अंडर आता है और फिलहाल सत्येंद्र जैन इसके मंत्री हैं.