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किसी ने रिंग से की पत्नी के शव की पहचान, कई अब तक लापता... मुंडका अग्निकांड की दर्दनाक आपबीतियां

दिल्ली के मुंडका में शुक्रवार को एक चार मंजिला इमरात में आग लग गई थी. इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई. दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने मामले की जांच 6 हफ्तों में करने के आदेश दिए हैं. उधर, दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है.

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मुंडका अग्निकांड में 27 लोगों की हुई मौत (फोटो- पीटीआई)
मुंडका अग्निकांड में 27 लोगों की हुई मौत (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली के मुंडका में चार मंजिला इमारत में लगी आग
  • इस हादसे में 27 लोगों की गई जान

दिल्ली के मुंडका में शुक्रवार को एक चार मंजिला इमरात में आग लग गई थी. इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई. जबकि 19 लोग अभी भी लापता हैं. आग इतनी भीषण थी कि शव इतनी बुरी तरह से जल गए कि लोगों की पहचान भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में मृतकों की पहचान उनके कपड़ों, गहनों या अन्य तरीकों से की जा रही है. इसके अलावा लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल भी लिए जा रहे हैं, ताकि उनकी पहचान की जा सके. मुंडका अग्निकांड के पीड़ित परिवारों ने अपनी आपबीतियां बताई हैं.

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रंजू देवी: रिंग और चूड़ियों से हुई पहचान

दिल्ली के रहने वाले संतोष कुमार ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें अपनी पत्नी के शव की पहचान कछुए वाली रिंग और दो चूड़ियों से करनी पड़ेगी. संतोष की पत्नी रंजू देवी के शरीर पर यही दो चीजें हैं, जो दिल्ली के मुंडका में हुए अग्निकांड में नहीं जलीं.  

दिल्ली के मुंडका में हादसे में जिन 27 लोगों की मौत हुई थी, उनमें संतोष कुमार की पत्नी रंजू देवी भी शामिल हैं. संतोष ने बताया कि वे काम पर गए थे, तभी उस इमारत में आग की खबर मिली. मैं वहां गया, तीन घंटे तक इंतजार किया. लेकिन उसे नहीं खोज सका. 

संतोष ने बताया कि वह इसके बाद संजय गांधी हॉस्पिटल गया, लेकिन फिर भी पत्नी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. इसके बाद संतोष दोबारा शनिवार को अस्पताल पहुंचे. अस्पताल प्रशासन संतोष को मुर्दाघर ले गया. जहां उन्होंने एक रिंग और चूड़ियों से अपनी पत्नी की पहचान की. इसके बाद संतोष को पत्नी का शव मिला. उन्होंने रविवार को पत्नी का अंतिम संस्कार किया था. 

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यशोदा देवी : बेटी की शादी में लिया था कर्ज, उतारने के लिए कर रही थीं नौकरी 

वहीं, विश्वीत कुमार की पत्नी यशोदा देवी की भी इस हादसे में मौत हो गई. उन्होंने बताया कि यशोदा देवी ने जॉब करना इसलिए शुरू किया था, ताकि वे अपने पति के ऊपर चढ़े कर्जे को उतार सकें, जो उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए लिया था. 
 
विश्वीत कुमार राजस्थान के अलवर में एक कोल फैक्ट्री में काम करता है. घटना की जानकारी मिलने के बाद वे दिल्ली पुहंचे. उन्होंने बताया कि शनिवार शाम 5 बजे उन्होंने पत्नी के शव की पहचान की. इसके बाद उन्हें शव सौंपा गया. विश्वीत कुमार ने बताया, उन्होंने 2018 में बेटी की शादी की थी. इसके बाद वे कर्ज में आ गए थे. कर्ज जल्दी उतारा जा सके, इसके लिए उनकी पत्नी ने काम करना शुरू किया था. विश्वजीत कुमार ने कहा, अब उनका सब कुछ खो गया है. विश्वजीत बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं. 
 
निशा कुमारी: अभी भी लापता, घरवालों को उम्मीद
 
निशा भी इस हादसे के बाद लापता हैं. वे 19 साल की हैं. उनके चाचा और परिजन उनकी तलाश में दर दर भटक रहे हैं. निशा दो साल से काम करती थी. उनके चाचा पिंटू कुमार ने बताया कि उन्होंने एक वीडियो देखा था, जिसमें वह आग के वक्त दूसरी मंजिल पर लाल सूट पहने नजर आ रही थी. हालांकि, इसके बाद उन्हें निशा की कोई जानकारी नहीं मिली. हालांकि, निशा की मां का ब्लड सैंपल ले लिया गया है, ताकि DNA टेस्ट किया जा सके. पिंटू के मुताबिक, निशा नौ लोगों के परिवार की अकेली कमाने वाली थी. उनकी 6 भाई बहन हैं. इसके अलावा पिता की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इसलिए वे भी कुछ काम नहीं करते. 

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ममता देवी : दूसरी मंजिल से कूदकर बचाई जान

ममता देवी इस अग्निकांड में जान बचाने में सफल रही हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि ममता जान बचाने के लिए दूसरे फ्लोर से कूद गईं. उन्होंने बताया कि हमें लंच के बाद बताया गया कि कंपनी में लेक्चर होना है. इसके लिए सभी को दूसरे फ्लोर पर इकट्ठा होना है. जब लेक्चर चल रहा था, तभी इमारत में आग लग गई. लोगों ने इमारत का कांच तोड़कर इमारत से कूदना शुरू कर दिया. 

उन्होंने बताया, वे भी कूद गईं. इसके बाद वे बेहोश हो गईं और उन्हें आगे क्या हुआ, कुछ याद नहीं है. उन्होंने बताया कि मेरे पड़ोसी मुझे घर ले गए और उसके बाद मुझे अस्पातल में भर्ती कराया गया. हालांकि, जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. ममता ने बताया कि हादसे के वक्त इमारत में करीब 100-150 लोग मौजूद थे. 

लापता मुशर्रत के पति बोले-हमें सिर्फ उन्हें जिंदा देखने की इच्छा

इस हादसे में 37 साल की मुशर्रत भी लापता हैं. मोहम्मद अकबर ने बताया कि उन्होंने डीएनए सैंपल दे दिया है. अकबर ने बताया कि वे पेंटर हैं और उनकी पत्नी इस कंपनी में 1 साल से काम कर रही थीं. अकबर ने कहा, ''अब वे लापता हैं, हमारी इच्छा उन्हें जिंदा देखने की है.''

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