दिल्ली सदर बाजार अग्निकांड पर क्राइम ब्रांच की जांच में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक फैक्ट्री में 12 नाबालिग भी काम कर रहे थे, जिनमें से 5 नाबालिगों की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. वहीं मामले के तीसरे आरोपी सुहैल को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में रखा गया है.
इसी के साथ अग्निकांड में घायल बच्चों के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन.पटेल और जस्टिस सी.हरिशंकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बचपन बचाओ की ओर से दायर की गई एक याचिका पर नोटिस जारी की है. बचपन बचाओ ने पुरानी दिल्ली की अनाज मंडी में भारी अग्निकांड को लेकर यह याचिका दायर की है, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई और बहुत से लोग घायल हो गए.
याचिका में कहा गया है, अनाज मंडी और पूरी दिल्ली में इस तरह के कारखानों में काम करने वाले ज्यादातर बाल श्रमिक जहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं, ऐसा राज्य के अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है, ये जगहें असहज करने वाली भीड़ से भरी हैं और इनमें कोई खिड़की नहीं है, यहां बच्चे सिर्फ काम ही नहीं करते, बल्कि सोते और खाते भी हैं और उनके आने जाने पर प्रतिबंध है. बालश्रम के ये केंद्र बच्चों की तस्करी के अड्डे हैं. इन जगहों पर बच्चों को दासों की तरह रखते हैं. इस जगहों पर आग और दूसरी आपदाएं हो सकती हैं, क्योंकि ये अनधिकृत और बिना फायर क्लियरेंस के हैं.(इनपुट/IANS)