देश की राजधानी दिल्ली में दिल्लीवासियों को इन दिनों दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. एक तो पानी की किल्लत और दूसरा बढ़े हुए बिजली के बिलों ने लोगों के अभी से पसीने छुड़ाने शुरू कर दिया है.
हाल ही में DERC ने दिल्ली में बिजली के नए टैरिफ लागू किए थे, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा कहा गया था कि दिल्ली में किसी भी व्यक्ति को बिजली की इन नई दरों से 1 भी रुपया का ज्यादा बिल नहीं आएगा. लेकिन हुआ इसके उलट दिल्ली में गर्मी की अभी सिर्फ शुरुआत हुई है और लोगों को बिजली कंपनियों ने बढ़े हुए बिल भेजने शुरू कर दिए है.
राजधानी में दिल्ली वालों पर बिजली की ये मार DERC द्वारा हाल ही फिक्स्ड चार्ज बढ़ने के फैसले के कारण है. फिक्स्ड चार्ज वो चार्ज है जिसमें आप बिजली खर्च करें या ना करें वो आपको देना ही पड़ेगा. नए चार्ज लागू होने के बाद बिलों में डेढ़ से दो गुना बढ़ोतरी हुई है.
बिजली दरों में बदलाव के नए आदेश के बाद फिक्स व सरचार्ज ने उपभोक्ताओं के लिए ये परेशानी खड़ी की है. हालांकि, सरकारी एजेंसियां पहले ही दावा कर चुकी हैं कि बिजली खपत कम करने वाले उपभोक्ताओं पर नए टैरिफ से कोई वित्तीय बोझ नहीं बढ़ेगा.
आप पर कैसे पड़ेगा असर?
अगर आप घरेलू उपभोक्ता हैं और एक माह में केवल एक यूनिट बिजली की खपत की है तो आपको 150 रुपये का बिल भरना पड़ेगा. बिजली वितरण कंपनी टीपीडीडीएल ने ऐसा ही एक बिल राणा प्रताप बाग निवासी चंद्र किशोर को भेजा है.
33 दिन के लिए एक यूनिट के बिल में 133.71 रुपये का फिक्स चार्ज लगा है. इस उपभोक्ता पर एक यूनिट बिजली का शुल्क 3 रुपए लगाया गया है, बिल में फिक्स चार्ज पर 8 प्रतिशत सरचार्ज 10.70 और पेंशन ट्रस्ट चार्ज का 5.8 रुपए लगाया गया है. इस प्रकार 153 रुपये के कुल बिल पर 2 रुपये की सब्सिडी उपभोक्ता को दी गई.
इस बार 4400 आया बिल
ऐसा ही कुछ हाल वज़ीराबाद में रहने वाले वसीम का भी है. वसीम दिन भर धूप में घूम कर लोगो के घरों की सफाई करने वाली मशीनों को ठीक करता है. जिससे उसकी कमाई कभी 400 रुपए होती है तो कभी 500 रुपए. वासिम का वज़ीराबाद में एक कमरे का मकान है, जिसमें उसका बिल हर महीने 250 से 300 रुपए के बीच आता है लेकिन इस बार बिजली कंपनी टाटा पावर लिमिटेड ने उसको 4400 रुपए का बिल भेजा है जिसने वसीम की नींद उठा कर रख दी है.
0 यूनिट बिजली खर्च करने पर आया 310 रुपए का बिल
दूसरी तरफ नार्थ दिल्ली के सब्ज़ी मंडी इलाके में रहने वाले मोहिंदर पाल सिंह को उनकी महीनों से बंद पड़ी दुकान का बिल 310 रुपए का आया है. मोहिंदरपाल को ये बिल 0 यूनिट की खपत पर आया है. मोहिन्दरपाल सिंह की मानें तो उनका कहना था कि पहले उनकी दुकान का बिल 160 रुपए आता था, लेकिन फिक्स्ड चार्ज बढ़ने से बिल दुगुना हो गए है.
साउथ दिल्ली के रहने वाले बी. बी. तिवारी का एक मकान पटपड़गंज में भी है, जो काफी समय से बंद पड़ा है. तिवारी को भी बिजली कंपनी बीएसबीएस यमुना पावर लिमिटिड ने 0 यूनिट का 586 रुपए का बिल भेजा है. जिसमें 524 रुपये फिक्स्ड चार्ज और 8 प्रतिशत सरचार्ज के 41.9 रुपए, 3.80 प्रतिशत पेशन चार्ज के 19 रूपए मिलाकर 524 का बिल भेजा है.
इस मामले में बिजली एक्सपर्ट सौरव गांधी की मानें तो दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंदर जैन ने DERC द्वारा जब नए टेरिफ लागू किए गए थे. तब कहा गया था कि अगर एक भी रुपए का बिल किसी का बढ़ेगा तो उसकी भरपाई वो खुद करंगे लेकिन अब जब बिल बढ़ कर लोगों को आ रहे है तो क्या वो बिल भरेंगे.
कांग्रेस ने लगाया आरोप
दिल्ली सरकार में कई सालों से बिजलीं मंत्री रहे हारून यूसुफ ने कहा कि ये फिक्स्ड चार्ज की आड़ में दिल्ली की जनता को लूटा जा रहा है. इसमें सरकार की मिली भगत से 1600 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. जो कि जल्द की जनता के बीच आएगा.
वहीं जब इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंदर जैन से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में कहीं पर भी बिजली के बिल बढ़कर नहीं आ रहे है, बल्कि बिल कम हुए हैं.