दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में सीवर में फंसे चारों लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में एक ठेकेदार और दो मजदूर थे, जो एमटीएनएल के कॉन्ट्रैक्ट पर सीवर लाइन में तार बिछाने का काम करते थे. पुलिस ने आशंका जताते हुए कहा कि जहरीली गैस के कारण दम घुटने से सभी की जान चली गई होगी. बहरहाल पुलिस ने कहा कि सभी के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकता है कि सभी की मौत कैसे हुई. मरने वालों में एक ई-रिक्शा चालक भी शामिल है, जो सीवर में फंसे तीनों लोगों को बचाने के लिए नीचे उतरा था..
एक-दूसरे को बचाने में चली गई जान
सीवर में टेलीफोन वायर बिछाने के लिए मंगलवार को बच्चू सिंह और पिंटू नाम के दो मजदूर सीवर में उतरे थे. 2 घंटे तक जब उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो ठेकेदार ने तीसरे मजदूर को नीचे भेजा. मजदूर ने नीचे उतरकर आवाज लगाई लेकिन जब कोई आवाज नहीं मिली तो वह बाहर निकल आया. इसके बाद ठेकेदार खुद बच्चू और पिंटू की तलाश में सीवर लाइन में उतर गया. इसके बाद ठेकेदार का भी पता नहीं लगा. बाहर खड़े लोग शोर मचाने लगे तभी वहां से गुजर रहा ई-रिक्शा चालक सतीश तीनों को बचाने के लिए चेहरे पर गमछा बांधकर सीवर में उतर गया. फिर कुछ देर बाद उसका भी पता नहीं चल सका.
करीब नौ घंटे तक चला ऑपरेशन
जब चारों लोग सीवर में फंस गए तो बाहर मौजूद कुछ लोगों ने दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम और फायर सर्विस को फोन कर दिया. दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक शाम 6:26 पर उन्हें पहली कॉल मिली, जिसके बाद उन्होंने तुरंत चार फायर टेंडर बचाव कार्य के लिए मौके पर रवाना कर दिए. हालात को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया.
सड़क तोड़कर शवों को निकाला गया
सबसे पहले सीवर लाइन के आस-पास की सड़क को तोड़कर गड्ढा बड़ा किया गया. इसके बाद तमाम कोशिशों के बाद रात करीब 3 बजे चारों लोगों को बाहर निकाला गया. सभी को आनन-फानन में बाबू जगजीवन राम हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
किसी के पास नहीं थे सुरक्षा उपकरण
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीवर में उतरने के दौरान किसी ने भी अवश्यक सुरक्षा उपकरण नहीं पहन रखे थे.