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दिल्ली: पूर्ण राज्य पर ढीला पड़ा केजरीवाल का कैंपेन, तारीख बढ़ाई

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी सिग्नेचर कैंपेन चला रही है. इसके लिए पीएम मोदी को 10 लाख चिट्ठियों पर हस्ताक्षर भेजे जाने थे, लेकिन पार्टी इस टारगेट तक नहीं पहुंच पाई है.

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी की तरफ से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को लेकर चलाए गए कैंपेन की समय सीमा बढ़ा दी गई है. दिल्ली की 70 विधानसभाओं में 'आप' का कैंपेन 25 जुलाई को ख़त्म हो गया था. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को भेजी जाने वाली 10 लाख चिट्ठियों पर हस्ताक्षर होने थे, लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी इस टारगेट तक पहुंच नहीं पाई.  

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर हस्ताक्षर अभियान अब भी जारी है. भारद्वाज के मुताबिक संगठन अलग-अलग जगहों पर बैठक कर रही है और सिग्नेचर कैंपेन को भी री-डिजाइन किया गया है. पार्टी का कहना है कि जल्द ही दिल्ली के संयोजक गोपाल राय मीडिया के सामने कैंपेन से जुड़ी जानकारी सामने रखेंगे.

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आम आदमी पार्टी ने जुलाई के पहले हफ्ते में पूर्ण राज्य के दर्जे के कैंपेन के तहत प्रधानमंत्री को भेजी जाने वाली चिट्ठियों पर सिग्नेचर कैंपेन चलाया था.  जबकि 'आप' द्वारा शुरू किये गए 'दिल्ली मांगे अपना हक' का पहला चरण 25 जुलाई को खत्म हो चुका है.

हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि अबतक की मुहिम में आम आदमी पार्टी को जनता का कितना साथ मिला है. पिछली बार 12 जुलाई को पार्टी की तरफ से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक सिग्नेचर कैंपेन के तहत सिर्फ डेढ़ लाख से ज्यादा हस्ताक्षर ही जुट पाए थे. 25 जुलाई को सिग्नेचर कैंपेन खत्म हो चुका है, ऐसे में साफ़ है कि पार्टी तय डेडलाइन के भीतर प्रधानमंत्री को भेजे जाने वाली 10 लाख चिट्ठियों पर जनता के 10 लाख सिग्नेचर नहीं जुटा पाई है.

हैरानी की बात यह कि जून में आम आदमी पार्टी सरकार ने पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर 3 दिनों का सत्र बुलाया था जिसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया था.  इस दौरान सदन में पूर्ण राज्य को लेकर प्रस्ताव पारित करने के बावजूद आम आदमी पार्टी अपने ही कैंपेन पर धीमी पड़ती नज़र आ रही है. अब सोमवार से दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन पूर्ण राज्य की मांग को लेकर सत्र में कोई एजेंडा शामिल होता नज़र नहीं आ रहा है.

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12 जुलाई को AAP द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक

1. नार्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा में 28 हजार 328 सिग्नेचर हुए.

2. पूर्वी दिल्ली लोकसभा में 17 हजार 807 सिग्नेचर हुए.

3. वेस्ट दिल्ली लोकसभा में 13 हजार 365 सिग्नेचर हुए.

4. साउथ दिल्ली लोकसभा में 21 हजार 599 सिग्नेचर हुए.

5. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली लोकसभा में 29 हजार 137 सिग्नेचर हुए.

6. नई दिल्ली लोकसभा में 19 हजार 665 सिग्नेचर हुए.

7. चांदनी चौक लोकसभा में 22 हजार 994 सिग्नेचर हुए.

इस बीच सिग्नेचर कैंपेन की डेडलाइन बढ़ाने के पीछे आम आदमी पार्टी ने दिलचस्प वजह बताई है. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि बरसात की वजह से कई जगहों पर काम नहीं हुआ है. इस वजह से उस कैंपेन को आगे बढ़ाया गया है. हालांकि यहां सवाल उठता है कि 70 विधानसभाओं में वो कौनसी विधानसभा है जहां सिग्नेचर कैंपेन सबसे ढीला रहा? मीडिया में सबसे सक्रिय रहने वाली 'आप' ने सिग्नेचर कैंपेन के आंकड़े सामने क्यों नहीं रखे?

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी सोशल मीडिया से लेकर जनसभाओं में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग करते नज़र आए हैं. 'आप' नेताओं ने पूर्ण राज्य को ज़रूरी बताते हुए कहा कि एनडीएमसी एरिया और लुटियन दिल्ली के अलावा बाकी दिल्ली में पुलिस की जवाबदेही जनता और चुनी हुई सरकार के लिए होनी चाहिए.

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'आप' नेताओं का यह भी कहना है कि पूर्ण राज्य का मकसद दिल्ली के हर एक व्यक्ति को अहसास दिलाना है कि उनके वोट की कीमत देश के बाकी राज्यों के लोगों के वोट की कीमत के बराबर होनी चाहिए जो फ़िलहाल नहीं है. हालांकि आगे देखना होगा कि आम आदमी पार्टी पूर्ण राज्य के दर्जे वाले कैंपेन में कितना कामयाब हो पाती है. 

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