दिल्ली में 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के आरोपियों ने उसे रेप के दौरान दांत से काटा था. अभियोजन पक्ष के एक गवाह ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में यह खुलासा किया.
गवाह-फोरेंसिक दंतचिकित्सक ने कहा कि 23 साल की पीड़िता के शरीर पर दांत काटने के जो निशान हैं वे आरोपियों-राम सिंह और शायद अक्षय के दांत के माडल से मिलते जुलते हैं.
इस गवाह ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना की अदालत में बचाव पक्ष के वकील द्वारा जिरह के दौरान कहा, ‘पहली, दूसरी और चौथी तस्वीर दिखने वाले दांत कांटने के निशान और पांच संदिग्धों के दांत के मॉडल के साथ तुलना के आधार पर चिकित्सा की दृष्टि से यह तार्किक परिणति है कि राम सिंह के दांत से ये निशान बने हैं. यह तुलना अन्य चार संदिग्धों के संबंध में सही नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘पांचवी तस्वीर में दांत काटने के निशान तथा पांच संदिग्धों के दांत के मॉडल के साथ तुलना के आधार पर इस बात की प्रबल संभावना बनती है कि अक्षय ने ये निशान उसे दिए. यह तुलना शेष चार संदिग्धों के संबंध में सही नहीं है.’
इस पर जब बचाव पक्ष के वकील वी के आनंद ने गवाह से कहा कि उनकी रिपोर्ट में ‘संभावना’, ‘शायद’ जैसे शब्द दर्शाते हैं कि यह भरोसेमंद, ठोस नहीं हैं और इस पर बात आगे नहीं बढ़ सकती है. उसके बाद गवाह उन्हें निश्चितता के विभिन्न डिग्रियों के बारे में बताने लगे और कहा कि उनका इस्तेमाल, जब ये रिपोर्ट तैयार की जाती हैं, किया जाता है. उन्होंने उन्हें यह भी बताया कि हर स्तर का क्या मतलब होता है.
अदालत की कार्यवाही के दौरान माहौल तब गरम हो गया जब विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णन और अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव मोहन की अगुवाई में अभियोजन पक्ष ने आरोपी विनय शर्मा के वकील ए पी सिंह के सवाल पर आपत्ति जतायी.
ए पी सिंह ने जानना चाहा कि डाक्टर को अपनी रिपोर्ट तैयार करने से पहले क्या यह पता था कि पीड़िता पैरामेडिकल छात्रा थी. इस तरह की पूछताछ पर अभियोजन पक्ष ने आपत्ति जतायी. लेकिन जब गवाह ने कहा कि वह अखबारों की खबरों के अनुसार आगे नहीं बढ़ते तब माहौल हल्का हो गया.
फोरेंसिक दंतचिकित्सक ने यह भी कहा, ‘यह कहना गलत होगा कि मेरी रिपोर्ट सही निष्कर्ष पर आधारित नहीं है. यह भी कहना गलत होगा कि मैंने दिल्ली पुलिस के इशारे पर और अभियोजन पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार की है क्योंकि पीड़िता पैरा मेडिकल छात्रा थी.’ उन्होंने आरोपी के वकील के इस आरोप का भी खंडन किया कि वह ऐसे फोरेंसिक रिपोर्ट बनाने के लिए सक्षम नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कोई नियम या विनियम नहीं देखा कि दंत विज्ञान स्नातक (बीडीएस) ऐसी रिपोर्ट दे सकता है या नहीं दे सकता. यह तो प्रैक्टिस की बात है कि बीडीएस ऐसी रिपोर्ट दे सकता है.’ उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर को पैरामेडिकल की इस छात्रा के साथ नृशंस सामूहिक बलात्कार किया गया था. कुछ दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गयी थी.
मुकेश, राम सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता पांच बालिग आरोपी हैं जिन पर अदालती सुनवाई चल रही है. 11 मार्च को राम सिंह की मौत हो गयी थी, उसके बाद उसके खिलाफ अदालती कार्यवाही रोक दी गयी. छठा आरोपी नाबालिग है और वह किशोर न्याय बोर्ड द्वारा सुनवाई का सामना कर रहा है.