scorecardresearch
 

सड़क किनारे पड़ी अबोध के लिए फरिश्ता बने पुलिसकर्मी, पहुंचाया अस्पताल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंसानियत के दो चेहरे देखने को मिले. एक जिसने चंद दिनों की मासूम बच्ची को मरने के लिए सड़क पर छोड़ दिया, वहीं दूसरी तरफ सड़क किनारे बंद गठरी में जीवन की अंतिम सांसें गिन रही मासूम के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे दिल्ली पुलिस के सिपाही जिन्होंने बच्ची की जान बचाई.

Advertisement
X
अबोध बच्ची को अस्पताल पहुंचाने वाले पुलिसकर्मी
अबोध बच्ची को अस्पताल पहुंचाने वाले पुलिसकर्मी

Advertisement

  • दिल्ली में सामने आए इंसानियत के दो चेहरे
  • कोई सड़क पर छोड़ गया, किसी ने बचाई जान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंसानियत के दो चेहरे देखने को मिले. एक जिसने चंद दिनों की मासूम बच्ची को मरने के लिए सड़क पर छोड़ दिया, वहीं दूसरी तरफ सड़क किनारे बंद गठरी में जीवन की अंतिम सांसें गिन रही मासूम के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे दिल्ली पुलिस के सिपाही जिन्होंने बच्ची की जान बचाई. पुलिसकर्मियों ने उसे उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया.

जानकारी के अनुसार महिपालपुर फ्लाईओवर के नीचे कोई बच्ची को कपड़े की गठरी में बांधकर छोड़ गया था. शनिवार की सुबह लगभग 7:30 बजे पीसीआर वैन गश्त करती हुई इधर से गुजर रही थी कि वैन में सवार पुलिसकर्मियों की नजर कपड़े की उस गठरी पर पड़ी. पुलिसकर्मियों ने शक के आधार पर जब गठरी खोली तो चौंक गए. उसमें एक माह से भी कम की मासूम बच्ची पड़ी थी.

Advertisement

delhi_010420051520.jpgमहिपालपुर फ्लाईओवर के नीचे मिली थी बच्ची

पुलिसकर्मियों ने देखा तो मासूम बच्ची के शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी. पुलिसकर्मियों ने तुरंत ही बच्ची को उठाकर गर्म पानी से साफ किया और उसे कपड़े में लपेटकर पीसीआर वैन में ले आए. समझदारी दिखाते हुए ब्लोअर चलाकर गर्म हवा दी तब बच्ची के शरीर में कुछ हरकत हुई. कुछ ही मिनटों में बच्ची सांस लेने लगी. वह अभी जीवित है, यह एहसास होते ही पुलिसकर्मियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसे उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया.

अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने बच्ची का तुरंत उपचार शुरू कर दिया. चिकित्सकों के अनुसार बच्ची की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. वह अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. डॉक्टरों के अनुसार बच्ची का पेट खाली था. उसे दूध नहीं पिलाया गया था और उस पर कड़ाके की सर्दी, इन्हीं दोनों वजहों से उसकी हालत काफी बिगड़ गई थी.

Advertisement
Advertisement